जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने हुर्रियत से तोड़ा नाता, गृह मंत्री अमित शाह ने किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को किया खारिज
जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट (JKMM) ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ते हुए भारत की एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना बढ़ रही है। अब तक 12 संगठनों ने हुर्रियत से अलग होकर भारत के संविधान पर भरोसा जताया है।
जम्मू-कश्मीर में एक और संगठन JKMM ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से आधिकारिक तौर पर नाता तोड़ लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना बढ़ रही है है। हुर्रियत से जुड़े एक अन्य संगठन, जम्मू और कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज कर दिया है, और भारत की एकता के लिए पूरी प्रतिबद्धता का ऐलान कर दिया है। मैं उनके इस कदम का हार्दिक स्वागत करता हूँ। गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 12 संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अलग हो गए है। इन सभी हुर्रियत से जुड़े 12 संगठनों ने भारत के संविधान पर भरोसा करते हुए अलगाववाद से नाता तोड़ा है। यह PM नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन की जीत है।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ा
बता दें कि JKMM के अलगाववाद से अलग होने से पहले तीन और संगठनों ने, जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू और कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट ने आधिकारिक तौर पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ दिया है। यह कदम कश्मीर घाटी में भारत के संविधान में लोगों के बढ़ते भरोसे की नजर से देखा जा रहा है। बता दें कि हाल ही में संपन्न बजट सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद को बताया कि 2019 से 2024 तक हुर्रियत से जुड़े 14 बड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 3 आतंकवादी ढेर, अखनूर में एक जवान शहीद
अलगाववाद को त्यागा
अमित शाह ने कहा कि एकजुट और शक्तिशाली भारत के लिए PM मोदी जी का सपना आज और भी मजबूत हुआ है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को छोड़ दिया है। बता दें कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े चार समूहों- जम्मू-कश्मीर तहरीकी इस्तेकलाल, जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकामत, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट- ने पिछले महीने अलगाववाद को त्याग दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकीकृत भारत के सपने में अपना विश्वास व्यक्त किया था।