Amit Shah ने सेना के खिलाफ टिप्पणी के लिए फारूक अब्दुल्ला पर साधा निशाना
Amit Shah : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सेना के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पर जमकर हमला बोला। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के आरोपों को निराधार बताया।
Highlights
- Amit Shah ने फारूक अब्दुल्ला पर साधा निशाना
- मतदाताओं से "वंशवाद को हराने’’ का किया आग्रह
- 'अब्दुल्ला-गांधी परिवार के आतंकवाद को संरक्षण देना चाहते'
फारूक अब्दुल्ला पर Amit Shah का तीखा हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah )ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह हताशा में इतने नीचे गिर गए हैं कि उन्होंने भारतीय सेना के आतंकवादियों से संबंध होने के निराधार आरोप लगा दिए हैं। अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को इतनी गहराई में दफना दिया जाएगा कि यह सात पीढ़ियों तक वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख सुरक्षा व्यवस्था विकसित की जा रही है और ग्राम रक्षा गार्ड (VDG) तथा विशेष पुलिस अधिकारियों का पुनर्गठन किया जा रहा है।
सेना का अपमान स्वीकार्य नहीं- अमित शाह
अमित शाह(Amit Shah) ने सोमवार को किश्तवाड़ में एक सार्वजनिक रैली में कहा, ‘‘चुनाव जीतने की चाह में फारूक अब्दुल्ला नियंत्रण खो चुके हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा कि सेना और आतंकवादी आपस में मिले हुए हैं। चुनाव जीतने के लिए हर कोई चुनाव लड़ता है, लेकिन जीत हासिल करने की कोशिश में फारूक अब्दुल्ला किस हद तक गिर सकते हैं?’’ पार्टी उम्मीदवारों शगुन परिहार और तारक कीन के लिए प्रचार करने आए शाह ने याद दिलाया कि सेना ने तीन युद्धों में जम्मू-कश्मीर की रक्षा की और सैनिक अब भी अकसर अपनी कुर्बानी देकर अपने लोगों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना का अपमान अस्वीकार्य है।
अमित शाह ने कहा कि सेना अत्यंत विषम परिस्थितियों तथा शून्य से 43 डिग्री नीचे के तापमान में भी काम करती है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन हमारे सशस्त्र बलों को बदनाम करना उनके (फारूक) कद के व्यक्ति को शोभा नहीं देता।’’
फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान
अगस्त में फारूक अब्दुल्ला ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि सेना देश में घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों के साथ मिली हुई हो सकती है। अब्दुल्ला ने कहा था, ‘‘हमारी सीमाओं पर भारी संख्या में सैन्य तैनाती है। आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करते रहते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है? ये सब मिले हुए हैं।’’
अमित शाह ने मतदाताओं से "वंशवाद को हराने’’ का आग्रह किया
अमित शाह ने मतदाताओं से अब्दुल्ला, गांधी और मुफ्ती परिवार के ‘‘वंशवाद को हराने’’ का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार इन तीन परिवारों को हरा दो, और मैं तुमसे वादा करता हूं कि आतंकवाद को इतनी गहराई में दफन कर दिया जाएगा कि सात पीढ़ियों तक वापस नहीं आएगा।’’ शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि अगर वे सत्ता में आए तो क्या होगा।’’
'अब्दुल्ला-गांधी परिवार के आतंकवाद को संरक्षण देना चाहते'
अमित शाह ने आगे कहा, ‘‘उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जानी चाहिए थी। अगर यही स्थिति है तो उनकी सरकार बनने के बाद क्या होगा? पत्थरबाजी फिर से शुरू हो जाएगी, आतंकवादियों के जनाजे निकाले जाएंगे, हमले बढ़ेंगे और निवेश रुक जाएगा। अब्दुल्ला-गांधी परिवार आतंकवाद को संरक्षण देने के लिए वापस आ सकते हैं और ऐसा करने में उन्हें कोई शर्म भी नहीं है। लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार के सत्ता में रहते हुए ऐसा कुछ नहीं होगा।’’
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे है। चुनावी परिणामों की घोषणा 8 अक्टूबर की जाएगी। बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीफी समेत अन्य दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। राज्य में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है।
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