Earthquake: भूकंप से कांपी लद्दाख की धरती, 3.4 की तीव्रता के झटके महसूस
मंगलवार सुबह लेह-लद्दाख (Ladakh) में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें भूकंप ने लोगों की नींद उड़ा दी। लोग डरकर घरों से बाहर निकल गए।नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने जानकारी देते हुए बताया कि लद्दाख के लेह में मंगलवार सुबह रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ। भूकंप के झटके सुबह पांच बजकर 39 मिनट पर आया। जिसकी गहराई पांच किलोमीटर दर्ज हुई।
- भूकंप से कांपी लेह-लद्दाख की धरती
- रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई तीव्रता
- भूकंप ने लोगों की उड़ा दी नींद
क्या है बार-बार भूकंप आने का कारण?
आपको बता दें पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूंकप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का होता है अंदाजा
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
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