देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Advertisement
Jammu & Kashmir: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) को केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा में पांच विधायकों को मनोनीत करने के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल द्वारा विधानसभा में पांच सदस्यों को नामित करने के प्रस्तावित कदम पर विवाद हो रहा है। जहां राजनीतिक दल इसका समर्थन या विरोध कर रहे हैं तो वहीं कानूनी विशेषज्ञों ने भी इस मुद्दे पर अलग-अलग राय रखी है। आइये जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में सदस्यों के मनोनयन का मुद्दा क्या है?
जस्टिस संजीव खन्ना और पीवी संजय कुमार की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता रविंदर कुमार शर्मा से कहा कि वे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय जाएं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गैर-निर्वाचित एलजी द्वारा इस तरह का मनोनयन चुनावी फैसले को प्रभावित कर सकता है।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और उसके बाद 2023 में संशोधन विधेयक ने एलजी को अतिरिक्त शक्तियां दीं, जिसमें विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार भी शामिल है - दो महिला सदस्य, एक महिला सहित दो प्रवासी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों में से एक सदस्य। इन पांच मनोनीत सदस्यों के पास अन्य विधायकों के समान ही शक्तियां और वोटिंग अधिकार होंगे। कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीडीपी ने इस संभावित कदम का विरोध किया है और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है।
(Input From ANI)