J&K के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का अंतिम बजट पेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए वित्त वर्ष 2024-25 का 1.18 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया। अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 20,760 करोड़ रुपये और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान रखा गया है।
- जम्मू कश्मीर के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट
- विकास को बढ़ाने के लिए अग्रणी उपायों को सक्षम किया
- J&K में सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार
GSDP में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की परिकल्पना की गई
अंतरिम बजट में 20,760 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे और सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि की परिकल्पना की गई है। बीते साल 1,18,500 करोड़ का बजट पेश किया गया था। ऐसे में इस साल बजट में 228 करोड़ अधिक जोड़े गए हैं।
विकास को बढ़ाने के लिए अग्रणी उपायों को सक्षम
संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश अंतरिम बजट के अनुसार, वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय 38,566 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो जीएसडीपी का 14.64 प्रतिशत है। अगले वित्त वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 97,861 करोड़ रुपये रहीं। 2019 में किए गए महत्वपूर्ण सुधारों ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा शासन संरचना को विकेंद्रीकृत करने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने, उच्च राजस्व सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ाने के लिए अग्रणी उपायों को सक्षम किया है।
उपायों और प्रयासों के कारण J&K में सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार
सीतारमण ने कहा, "सरकार आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए पहलों को लागू करने के साथ-साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रख रही है। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। सुरक्षा बल आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी और निरंतर कार्रवाई कर रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि प्रभावी उपायों और प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है।
अंतरिम बजट के रूप में संसद में पेश किया गया
इससे पहले नई दिल्ली में मुख्य सचिव अटल डुल्लू और वित्त विभाग के प्रधान सचिव संतोष डी वैद्य सहित जम्मू-कश्मीर के प्रमुख अधिकारी संसद में अंतरिम बजट प्रस्तुति के दौरान उपस्थित होने के लिए पहुंचे। इससे पहले एक फरवरी को केंद्रीय अंतरिम बजट ने विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में संसाधन अंतर को पाटने के लिए 37,277.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। लगातार पांचवें साल जम्मू-कश्मीर का बजट इस बार अंतरिम बजट के रूप में संसद में पेश किया गया। इसका कारण पिछले साढ़े पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर विधानसभा की अनुपस्थिति है।
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