जम्मू-कश्मीरः श्रीनगर में पासिंग आउट परेड, 326 अग्निवीर सेना में शामिल
पासिंग आउट परेड में सैनिकों का परिवार भी शामिल
अग्निवीर जवानों का एक नया बैच शामिल हुआ। जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट और लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर लेह में भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। 194 प्रशिक्षित अग्निवीरों ने लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंट में अग्निवीर सैनिक सेना में शामिल हुए और जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट में 326 अग्नीवीरों को भारतीय सेना में शामिल किया गया।
श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट सेंटर ने अग्निवीरों के अपने पांचवें बैच की पासिंग आउट परेड आयोजित की, जिसमें 326 अग्नीवीरों को भारतीय सेना में शामिल किया गया। बता दें कि अग्निवीरों ने सत्यापन समारोह के दौरान एक साथ मार्च करने से पहले 31 सप्ताह का शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण पूरा किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, प्रशिक्षक और भर्ती होने वाले सैनिकों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। यह परेड भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं के अनुरूप आयोजित की गई।
अभिभावकों में खुशी
पासिंग आउट परेड में मौजूद एक अभिभावक ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है। सेना में भर्ती होने वाले जिन जवानों का चयन हुआ था, उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है और आज उनकी पासिंग परेड थी। साथ ही युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को घर पर नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि यह प्रतिस्पर्धा का युग है।
लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर में अग्निवीर की भर्ती
भारतीय सेना में अग्निवीर जवानों का एक नया बैच शामिल हुआ। इस बार अग्निवीरों का यह बैच लद्दाख से है। लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर लेह में गुरुवार को एक भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। इसमें 194 प्रशिक्षित अग्निवीरों ने लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंट में अग्निवीर सैनिक के रूप में प्रवेश किया। यह परेड भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं के अनुरूप आयोजित की गई।
लद्दाख के 194 अग्निवीर भारतीय सेना में हुए शामिल
नव नियुक्त सैनिकों को बधाई
वरिष्ठ सेना अधिकारी ने नव नियुक्त सैनिकों को बधाई दी और उन्हें अटूट प्रतिबद्धता और साहस के साथ जेएके-एलआई रेजिमेंट की विरासत को कायम रखने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान अग्निवीर जवान ने कहा कि मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। 31 सप्ताह तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी। 7 महीने के बाद अपने माता-पिता से मिलना बहुत अच्छा लगा।