जम्मू-कश्मीर: आतंकी हमले पर समय रैना और मुनव्वर फारुकी ने की निंदा
पहलगाम आतंकी हमले पर कलाकारों का आक्रोश
भारत के स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की मौत हुई। इस घटना ने देश को गहरे जख्म दिए हैं और समय रैना और मुनव्वर फारुकी ने इस पर नाराजगी जाहिर की है।
जम्मू कश्मीर को यूं ही भारत का स्वर्ग नहीं कहा जाता। वहां की खूबसूरत वादियाँ, शांत वातावरण और आकर्षक प्राकृतिक दृश्य हर किसी को मोहित कर लेते हैं। लेकिन बीते दिन जो कुछ वहां हुआ, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले में 26 मासूम टूरिस्टों की जान चली गई। ये घटना न सिर्फ उन परिवारों के लिए सदमा है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरा जख्म बन गई है।
समय रैना ने जताया शोक
इस हमले की गूंज सोशल मीडिया पर भी देखने को मिली, जहां आम जनता से लेकर फिल्मी हस्तियों तक ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इसी बीच लोकप्रिय स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना ने इस दिल दहला देने वाली घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें इस आतंकी हमले का उल्लेख किया गया था। समय रैना ने भावुक होते हुए लिखा कि वे इस घटना से इतने आहत हैं कि रातभर सो नहीं सके। उनका यह बयान दर्शाता है कि कला और हास्य की दुनिया से जुड़ा हर संवेदनशील व्यक्ति देश की पीड़ा में भागीदार बनता है।
मुनव्वर फारुकी ने की इस हमले की कड़ी निंदा
वहीं, स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक न्यूज़ पोस्ट शेयर किया, जो पीटीआई के स्रोत से लिया गया था। इस पोस्ट में हमले की जानकारी दी गई थी। मुनव्वर ने इसके साथ जो कैप्शन लिखा, वह उनके आक्रोश और दुख को साफ़ दर्शाता है। उन्होंने लिखा, “उन्हें ढूंढ़ो और फांसी पर लटका दो।” यह शब्द न सिर्फ उनके गुस्से को दर्शाते हैं, बल्कि आम जनमानस की उस भावना को भी उजागर करते हैं जो इस प्रकार की घटनाओं के बाद उभरती है।
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इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कब तक निर्दोष लोगों की जानें ऐसे हमलों में जाती रहेंगी? देश को एकजुट होकर न सिर्फ आतंक के खिलाफ खड़ा होना होगा, बल्कि ऐसे हमलों को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। समय रैना और मुनव्वर फारुकी जैसे कलाकारों की संवेदनाएं यह दिखाती हैं कि कला की दुनिया भी देश की भावनाओं से अलग नहीं है।