Jammu-Kashmir: भारतीय सेना ने LOC पर स्वदेशी तकनीक से दिखाई ताकत
दुश्मन के खिलाफ भारतीय तोपखानों की सटीकता का प्रदर्शन
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में LOC पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत स्वदेशी तोपखाने प्रणालियों का सफलतापूर्वक उपयोग किया। इस कदम ने मेड-इन-इंडिया रक्षा तकनीकों की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया, जो दुश्मन के आक्रमण का जवाब देने में अहम साबित हुआ।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भारत ने कई स्वदेशी और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। अब स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए, भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर में LOC पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी तोपखाने प्रणालियों को सफलतापूर्वक तैनात किया। यह ऑपरेशन दुश्मन के आक्रमण का जवाब देने में मेड-इन-इंडिया रक्षा तकनीकों की परिचालन तत्परता और प्रभावशीलता को प्रदर्शित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
जम्मू में कांग्रेस की ‘जय हिंद सभा’ से गूंजे देशभक्ति के नारे
तोपखाना रेजिमेंट की अहम भूमिका
भारतीय सेना ने इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में इसकी सफलता के पीछे इसकी तोपखाना रेजिमेंट ने बड़ी भूमिका निभाई। भारतीय सेना के एक कर्मी के अनुसार, तोपखाने के हथियारों को इस तरह से तैनात किया गया था कि वे दुश्मन के संसाधनों, जैसे बटालियन मुख्यालय, बंदूक क्षेत्रों और रसद क्षेत्रों को नष्ट कर सकें।
आर्टिलरी रेजिमेंट की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, आर्टिलरी रेजिमेंट ने इस सेक्टर में अहम भूमिका निभाई थी। हमारी तोपों को इस तरह से इस्तेमाल किया गया था कि वे दुश्मन के बटालियन मुख्यालय, गन एरिया और लॉजिस्टिक सोपानों को निशाना बनाकर नष्ट कर सकें। हमें फायर डायरेक्शन सेंटर से आदेश मिले। हमारे गनर इतने ऊर्जावान और समन्वित थे कि हमारे सभी लक्ष्य नष्ट हो गए।”