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Jammu-Kashmir: पीडीपी विधायक ने अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पीडीपी विधायक का प्रस्ताव, विधानसभा में हंगामा

10:37 AM Nov 04, 2024 IST | Pannelal Gupta

अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पीडीपी विधायक का प्रस्ताव, विधानसभा में हंगामा

jammu kashmir  पीडीपी विधायक ने अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

Article 370: जम्मू कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करते हुए और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग के साथ एक प्रस्ताव पेश किया।

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वहीद पारा ने पेश किया अनुच्छेद 370 की बहाली प्रस्ताव

वहीद पारा ने कहा, नए विधानसभा अध्यक्ष को मैं बधाई देता हूं। हम आपके अनुभव से बहुत कुछ सीखेंगे। आज मेरे पास अपनी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव है जिसे मैं आपके सामने पेश करना चाहता हूं। प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कही गई है। अनुच्छेद 370 पर वहीद पारा के प्रस्ताव के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया, जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने कड़ा विरोध किया। भाजपा ने पारा की टिप्पणियों को हटाने की मांग की और उन पर विधानसभा के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

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महबूबा मुफ्ती ने प्रस्ताव लाने के लिए वहीद पारा को दी बधाई

जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि, यह मेरा अधिकार क्षेत्र है, मुझे इसकी जांच करने दीजिए और उसके अनुसार मैं प्रस्ताव पर फैसला लूंगा। इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रस्ताव लाने के लिए वहीद पारा को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मुझे वहीद पारा पर गर्व है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करते हुए प्रस्ताव पेश किया और विशेष दर्जा बहाल करने का संकल्प लिया। भगवान आपका भला करें।

प्रस्ताव पर क्या बोले सीएम उमर अब्दुल्ला?

अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, इसका कोई महत्व नहीं है और इसे बिना उचित परामर्श के केवल कैमरों के लिए लाया गया था। वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता तो चुनावी परिणाम अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा और इस पर चर्चा कैसे करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा। विधानसभा में लाया गया यह प्रस्ताव कोई महत्व नहीं रखता, बल्कि यह सिर्फ कैमरों के नजर में आने के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता तो वे हमसे पहले इस पर चर्चा करते।

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Pannelal Gupta

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