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Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से घाटी के लोगों को एक फॉर्मबांटा जा रहा है। दरअसल, यह सुरक्षा और शांति बनाए रखने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है। बता दें कि इसमें आतंक से संबंध, मुठभेड़ में भागीदारी के साथ ही विदेश में बसे परिवार के सदस्यों से जुड़ी जानकारियां भी मांगी जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूत्रों ने बताया कि सेना की ओर से इस तरह का सर्वे साल, 2019 में भी कराया गया था। इसका मेन मकसद है कि यहां के लोगों का रिकॉर्ड पुलिस के पास मुहैया कराना रहा। हालांकि, अब यह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से हो रहा है। इसके तरह, परिवार के हर एक सदस्य के बारे में डिटेल जानकारी दर्ज की जाएगी।
Highlights:
‘फॉर्म के जरिए यह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से होगा’
सूत्र के अनुसार, 'अब तक पुलिस स्टेशनों में जानकारियां दर्ज की जाती थीं, लेकिन हम अब फॉर्म के जरिए यह बहुत ही व्यवस्थित तरीके से होगा। इस सर्वे का दो प्रमुख उद्देश्य बताया गया है। अगर इसका पहले उद्देश्य की बात करें तो यह पता लगाना कि क्या फैमिली का कोई मेंबर मिसिंग है। इसके अलावा, दूसरा यह है कि क्या किसी के घर में विदेश से या फिर कोई नया शख्स आया है।'
‘लोगों की जानकारी हो हमारे पास’
घाटी में हाल के महीनों में टारगेटेड किलिंग के मामले बड़े हैं, जिसे देखते हुए यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। सूत्र ने बताया कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि घाटी में रहने वाले लोगों की जानकारी हमारे पास हो। इसके बाद हम अपनी सुरक्षा दे सकेंगे।
Jammu-Kashmir 'पुलिस के पास बाशिंदों की जानकारी होनी जरूरी'
दरअसल, एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह एक तरह की जनगणना ही है, जो यहां पर हर 3-4 साल में होती है। इसके जरिए पुलिस अपने रिकॉर्ड को अपडेट करती है।