Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

जन्मभूमि-ईदगाह विवाद : हाई कोर्ट से रिकॉल अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में मुस्लिम पक्ष

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में शाही ईदगाह कमेटी को एक बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी।

09:31 AM Oct 23, 2024 IST | Shera Rajput

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में शाही ईदगाह कमेटी को एक बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में शाही ईदगाह कमेटी को एक बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट के फैसले के बाद शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक उच्च न्यायालय का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन जैसे ही उन्हें आदेश की कॉपी मिलेगी, वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

तनवीर अहमद ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक सुनवाई चल रही थी, जिसमें बहस 16 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। हमारे अनुरोध पर न्यायालय ने हमारी एक समान प्रार्थना को मंजूर कर दिया है। उच्च न्यायालय से आदेश की कॉपी मिलने के बाद, मुस्लिम पक्ष इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। इससे पहले हमने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की थी, जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि जब एक रिकॉल एप्लिकेशन आपकी लंबित है, तो पहले वहां सुनवाई पूरी की जाए। इसलिए, जैसे ही हमें आदेश मिलेगा, हम सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।

उल्लेखनय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। मस्जिद पक्ष ने दलील दी थी कि इन 15 मामलों में मांगी गई राहतें अलग-अलग और असमान हैं, इसलिए इनकी एक साथ सुनवाई अनुचित होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार नहीं किया और कहा कि सभी केस एक ही मुद्दे से संबंधित हैं।

दरअसल, 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दायर की थी। 15 याचिकाओं को लेकर रिकॉल अर्जी दाखिल हुई थी। 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को इस पर फैसला सुना दिया है।

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के पक्षकार एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ के समक्ष मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई थी। पक्ष ने आर्डर सात रूल 11 के तहत दिए गए प्रार्थना को खारिज कर स्वामित्व से जुड़े 15 सिविल वादों को एक साथ सुने जाने के कोर्ट के निर्णय खिलाफ रिकॉल प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि रिकॉल प्रार्थना पत्र मामले को उलझाए रखने के लिए है। रिकॉल प्रार्थना पत्र किसी आदेश को वापस लेने के लिए दिया जाता है। अदालत रिकॉल प्रार्थना पत्र निस्तारण करने के बाद सिविल वादों को लेकर वाद बिंदु तय करेगी। मंदिर पक्ष ने वाद बिंदु दे दिए हैं।

मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुईं उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता ने दलील दी थी कि सभी मामलों को एक साथ किये जाने से वे सभी मामलों का विरोध करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

इससे पहले एक अगस्त 2024 को न्यायमूर्ति जैन ने मुस्लिम पक्ष की अर्जियों को खारिज कर दिया था, जिसमें हिंदू पक्षों की ओर से दाखिल मामलों की योग्यता को चुनौती दी गई थी। मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद के बारे में विवाद है कि उसका निर्माण भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को तोड़कर किया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष (शाही-ईदगाह प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) इस मामले का विरोध कर रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
Next Article