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नए साल के पहले दिन जापान (Japan) में आए भीषण भूकंप के कारण मृतकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद बुधवार तक 203 लोगों की मौत की सूचना है। इनमें से सात लोगों की मौत राहत केंद्रों पर हुई, जहां भूकंप से बचाए गए घायल लोगों ने दम तोड़ दिया।
ऐसी मौतें सीधे तौर पर भूकंप, आग और भूस्खलन के कारण नहीं हुईं।सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र इशिकावा प्रान्त के एक आपदा अधिकारी शिगेरू निशिमोरी ने कहा, ‘‘...ऐसी जगह पर रहने के दौरान दबाव और तनाव ऐसी मौत का कारण बनते हैं।’’भूकंप के कारण लगभग 30,000 लोगों के मकान नष्ट हो गए या फिर वे रहने योग्य नहीं हैं। इन लोगों ने स्कूलों और अन्य अस्थायी केंद्रों में शरण लिया है। इलाके में मामूली बारिश और बर्फबारी से भी भूस्खलन होने की आशंका है। वहीं क्षेत्र में 1,000 से अधिक बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं।

इशिकावा प्रान्त में नोटो प्रायद्वीप पर भूकंप से होने वाली मौत का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है क्योंकि बचाव दल मलबे से शव निकाल रहे हैं। इनमें 91 लोगों की मौत सुज़ु शहर में, 81 की वाजिमा में, 20 की अनामिजु में, बाकी चार की मौत अन्य शहरों में हुई। हाल के दिनों में लापता लोगों की संख्या घटकर 68 हो गई है।इशिकावा के अधिकारियों के अनुसार कुल 566 लोग घायल हुए और 1,787 मकान नष्ट हो गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।