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जत्थेदर अकाल तख्त ज्ञानी गुरबचन सिंह व मुख्य ग्रंथी गुरमुख सिंह को दे देना चाहिए पदों से त्यागपत्र

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व पांच प्यारों ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व बरगाड़ी कांड की जांच में जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट में

08:21 PM Sep 08, 2018 IST | Desk Team

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व पांच प्यारों ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व बरगाड़ी कांड की जांच में जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट में

लुधियाना-अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व पांच प्यारों ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व बरगाड़ी कांड की जांच में जस्टिस रंजीत सिंह की रिपोर्ट में पाए गए सभी दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की मांग की है। आज अमृतसर में काफी विचार-विमर्श उपरांत उन्होंने आरोपियों को सिख कौम और पंथ के दुश्मन करार दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों को भविष्य में कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस रंजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट विधान सभा में पेश होने के बाद राज्य व सिख पंथ में पैदा हुए हालातों का जायजा लेने के लिए पांच प्यारों में बैठक बुलाई थी। बैठक में पांच प्यारे भाई सतनाम सिंह खंडा, भाई मेजर सिंह , भाई मंगल सिंह , भाई सतनाम सिंह खालसा और भाई तरलोक सिंह शामिल हुए।

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भाई सतनाम सिंह खंडा ने कहा कि वर्ष 2015 मे श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को समय की सरकार पकड़ कर सजाएं दे सकती थी। परंतु समय की सरकार और पंजाब की एजेंसियों ने सार्थक भूमिका नहीं निभाई। जब संगत शांतिमय ढंग से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवाज उठा रही थी तो दोषियों को पकडऩे की जगह संगत पर ही गोलियां चलवा कर समय की सरकार ने दो युवाओं को शहीद करवा दिया और इस में कई लोग घायल हो गए। इस के लिए अकाली दल का समय का नेतृत्व , समय के मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और पुलिस अधिकारी जिम्मेवार है। जिनको सख्त सजाएं दी जानी चाहिए।

खंडा ने कहा कि आज समय की जरूरत है कि अकाली दल को पूरी तरह भंग करके 1920 की तर्ज पर अकाली दल का पुनर्गठन किया जाए। मौजूदा नेतृत्व को सभी पदों से हटा कर टक्साली अकाली नेताओं को अकाली दल का नेतृत्व अपने हाथों के लेने के लिए आगे आना होगा। क्योकि बरगाडी मामले के लिए समय की सरकार ने जो जस्टिस जोरा सिंह कमिशन स्थापित किया था उसकी भी रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया।

इस के बाद अब सब से बडी गल्ती एसजीपीसी ने की है कि बिना रिपोर्ट को पढे ही जस्टिस रंजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट को एसजीपीसी की कार्यकारिणी में रद्द कर दिया। असल में एसजीपीसी ने बरगाडी मामले में दोषियों का सजाएं दिलवाने की जगह बादल परिवार को बचाने की कोशिश की है। जिस को सिख कौम कभी भी माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह खुद ही अपने पदों से त्याग पत्र दें। नहीं संगत खुद मैदान में आकर उनको पदों से त्यागपत्र देने के लिए मजबूर कर देगी। जैसे अब अकाली दल के नेताओं को गांवों में भी आने देने से रोकना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस में कोई भी शक नहीं है कि गुरमुख सिंह को एक डील के तहत ही अकाली दल ने दोबारा श्री अकाल तख्त साहिब का मुख्य ग्रंथी तैनात किया है। उन्होंने कहा कि सिख कौम अब जागृत हो चुकी है। अब बादलों की चिकनी चुपड़ी बातों में सिख संगत आने वाली नहीं है। जल्दी ही एसजीपीसी को भी बादलों के चंगुल से मुक्त करवा लेगी। उन्होंने कहा कि बरगाडी में चल रहे मोर्चों को वह पूर्ण समर्थन देते है। इस मोर्चों के परिणम सिख कौम के हितों के रूप में ही सामने आएंगे।

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