गुरूद्वारा गुरू डांगमार साहिब के दर्शन करने पहुंचे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह पहली बार श्री गुरू नानक देव साहिब जी के चरण छोह प्राप्त स्थान गुरूद्वारा गुरू डांगमार साहिब (सिक्किम) के दर्शन करने के लिए पहुंचे।
04:45 PM Dec 10, 2019 IST | Shera Rajput
लुधियाना-अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह पहली बार श्री गुरू नानक देव साहिब जी के चरण छोह प्राप्त स्थान गुरूद्वारा गुरू डांगमार साहिब (सिक्किम) के दर्शन करने के लिए पहुंचे। इस पावन स्थल को स्थानीय सरकार द्वारा सील किया गया है और इस संबंध में मुकदमा हाई कोर्ट के विचारधीन है।
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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा पहली बार मोके का जायजा लिया गया। इस अवसर पर उनके साथ शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के धर्म प्रचार के प्रमुख प्रचारक भाई जगदेव सिंह भी उपस्थित थे।
स्मरण रहे कि यह वह पावन स्थल है जहां तीसरी उदासी के दौरान श्री गुरूनानक देव जी उत्तर से तिब्बत की ओर मुड़ते हुए अपने मुबारक चरण डाले थे और इसी दौरान यहां के स्थानीय लोगों ने बाबा नानक को पीने वाले पानी की हो रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराया तो गुरूनानक देव जी ने इस स्थल पर अपने हाथों की लाठी से धरती को छुआ तो पानी का पावन फुव्वारा निकल पड़ा।
कहते हे कि चारों तरफ भारी बर्फ होनेे के बावजूद इस स्थल पर निरंतर पानी बहता रहता है इसलिए इसे डांग मार गुरूद्वारा साहिब कहा जाता है। कहा तो यह भी जाता है कि यहां की झील चारों तरफ से बर्फ से ढकी रहती है लेकिन गुरूनानक देव जी की लाठी से छूने वाले स्थल पर पानी निरंतर बहता रहता है।
– सुनीलराय कामरेड
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