Javed Akhtar Poetry: “होंटों पे लतीफ़े हैं…” जावेद अख़्तर के खूबसूरत शेर
जावेद अख्तर के बेहतरीन शेर जो आपके दिल को छू लेंगे
ऊंची इमारतों से मकां मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
Firaq Gorakhpuri Poetry: फ़िराक़ गोरखपुरी के नगमों से 8 दिल छू लेने वाले शेर
इन चराग़ों में तेल ही कम था
क्यूं गिला फिर हमें हवा से रहे
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूं हारा
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