इजराइली हमले से बौखलाया Iran, सीजफायर के बाद यहूदियों को बना रहा निशाना! अब तक....
ईरान (Iran) में इन दिनों बड़ी बेचैनी का माहौल है. इजराइल के हालिया हमलों में अपने सीनियर नेताओं को खोने के बाद ईरान अब अपने ही देश में गद्दारों की तलाश कर रहा है. ईरानी सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इजराइल को अंदरूनी मदद मिली है, जिसकी वजह से उसके एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम साबित हुए. इस संदेह का सबसे बड़ा असर यहूदी समुदाय पर पड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का शक अपने ही देश में रह रहे यहूदी नागरिकों पर है. इजराइल से गुप्त संबंध रखने के संदेह में यहूदी समुदाय के कई प्रमुख लोगों को हिरासत में लिया गया है. ईरानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 700 से ज्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
पूछताछ और दबाव में यहूदी समुदाय
मानवाधिकार संगठन एचआरएएनए ने बताया कि अमेरिका द्वारा संघर्षविराम की घोषणा के दिन ही सबसे पहले 35 यहूदियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इसके बाद लगातार यह संख्या बढ़ती गई. जिन लोगों को बुलाया जा रहा है, उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वे विदेश में रह रहे किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें.
रात में छापेमारी और जबरन गिरफ्तारी
एक ईरानी महिला मरियम ने बताया कि सुरक्षा बल देर रात दीवार फांदकर उनके घर में घुसे और हथियारों की नोक पर 10 लोगों को ले गए. इनमें 6 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल थे. उन्हें कार में भरकर ले जाया गया और बाद में महिलाओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
धार्मिक नेताओं पर आरोप
कुछ रब्बियों और धार्मिक नेताओं पर भी इजराइल से संबंध होने का आरोप लगाया गया है. फ्रांसीसी-ईरानी महिला अधिकार समूह ‘मेले आज़ादी’ के अनुसार, तेहरान और शिराज शहरों में कई धार्मिक नेताओं को बिना किसी पुख्ता सबूत के हिरासत में लिया गया.
यहूदी आबादी पर संकट के बादल
ईरान में लगभग 8,000 से 10,000 यहूदी रहते हैं, जो इजराइल के बाद किसी मुस्लिम देश में यहूदियों की सबसे बड़ी आबादी मानी जाती है. हमले के बाद यहूदी समुदाय ने एक कार्यक्रम में ईरान और उसके सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के प्रति समर्थन भी जताया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें शक की निगाह से देखा जा रहा है.
तीन कुर्द नागरिकों को दी गई फांसी
इजराइल की मदद के शक में अब तक तीन लोगों को फांसी दी जा चुकी है. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार ये तीनों कुर्द समुदाय से हैं, इद्रिस अली, अज़ाद शोझई और रसौल अहमद रसौल. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट बताती है कि चीन के बाद ईरान दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जो सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा देता है. तेहरान ने इजराइल की मदद के आरोपियों पर तेज़ी से मुकदमा चलाने की बात कही है.