Jhandewalan Mandir Delhi: नवरात्रि में ज़रूर करें दिल्ली के इस दिव्य मंदिर के दर्शन, बरसेगी माता रानी की कृपा
Jhandewalan Mandir Delhi: झंडेवालान मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर माँ आदि शक्ति को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली स्त्री का प्रतीक हैं और माँ काली के साथ विराजमान हैं। यह Jhandewalan Mandir रोड पर करोल बाग, दिल्ली, भारत के रास्ते में स्थित है।
लोग इस मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं, क्योंकि निकटतम मेट्रो स्टेशन झंडेवालान है। यह मंदिर सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। नवरात्रि के दौरान लोग देवी माता के मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाते हैं, लेकिन कुछ Mandir काफी दूर होने के कारण वहां जाना संभव नहीं होता है।
Jhandewalan Mandir Timings in Navratri
झंडेवालान मंदिर के दर्शन का समय आम दिनों में सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक है, जबकि नवरात्रि के समय मंदिर सुबह 4:00 बजे से रात 12:00 बजे तक खुला रहता है। शाम को 6:15 बजे से 7:00 बजे तक मंदिर सफाई के लिए बंद रहता है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी को यहां जागरण (रात्रिकालीन प्रार्थना) का आयोजन किया जाता है। और यहां की प्राथनाएं रात 10 बजे शुरू होती हैं। इस Mandir के खुलते ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। दिल्ली के लोग तो इस मंदिर में दर्शन के लिए आते ही हैं, साथ ही भारत के कई कोने से भी नवरात्री के दौरान लोग यहां दर्शन करने आते हैं।
मंदिर में कई त्यौहार मनाए जाते हैं नवरात्रि और दुर्गा पूजा के दौरान इस मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती है। इन दिनों Jhandewalan Mandir को लाइट और फूलों से सजाया जाता है। मंदिर में हर सुबह कीर्तन, भजन और हवन या यज्ञ होता है यहां जाने से पहले जान लें कि मंदिर में तस्वीरें लेना मना है।
Jhandewalan Mandir Delhi: ये है आरती का समय
- यहां की आरती और पूजा का समय मौसम के अनुसार अलग-अलग होता है।
- दिन की पहली आरती सुबह 5:30 बजे होती है, जिसे मंगल आरती कहते हैं। इस समय माता को सूखा मेवा चढ़ाया जाता है।
- दूसरी आरती श्रृंगार आरती कहलाती है और यह सुबह 9:30 बजे होती है इस समय माता रानी को चीले, दूध, चने और नारियल का भोग लगाया जाता है।
- दिन की तीसरी आरती भोग आरती दोपहर 12:00 बजे होती है इस समय चावल, रोटी और दाल का भोग लगाया जाता है।
- शाम की आरती 7:30 बजे होती है जिसमें चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
- रात्रि की आरती में दूध का प्रसाद चढ़ाया जाता है यह आरती रात 10 बजे की जाती है।
- सर्दियों के मौसम में, सुबह की आरती गर्मियों की तुलना में थोड़ी देर से यानी सुबह 6:00 बजे की जाती है, गर्मियों में अंतिम आरती समय से आधा घंटा पहले की जाती है।
Jhandewalan Mandir का इतिहास
हर मंदिर का कोई न कोई इतिहास होता है, वैसे ही इस मंदिर का नाम शाहजहाँ के शासनकाल में Jhandewalan Mandir में चढ़ाए गए प्रार्थना ध्वज (झंडा) के नाम पर पड़ा था। कई भक्त केवल देवी के दर्शन के लिए इस मंदिर में आते हैं। हिंदुओं के बीच इस स्थान का बहुत महत्व है और ऐसा माना जाता है कि जो लोग शुद्ध और पवित्र भाव से इस स्थान पर आते हैं, माँ झंडेवाली उन्हें सुख, समृद्धि और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, झंडेवालान कभी एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित था। हालाँकि, जब लोगों ने उस स्थान की खुदाई की, तो उन्हें देवी का गर्भगृह मिला। इस प्रकार इस स्थान पर झंडेवालान मंदिर की स्थापना की गई यह भी माना जाता है कि मातारानी के परम भक्त बद्री भगत को मातारानी का स्वप्न आया था। मातारानी ने उन्हें स्वप्न में इस मूर्ति के बारे में बताया था। इसके बाद उसी स्थान पर इस Mandir का निर्माण हुआ। झंडेवाली माता जी की मूल मूर्ति आज भी भूतल पर विद्यमान है।