Jharkhand Assembly : आज विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी हेमंत सोरेन सरकार, BJP करेगी विरोध
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सोमवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी।
11:36 AM Sep 05, 2022 IST | Desk Team
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सोमवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। सदन में सत्ताधारी गठबंधन झामुमो, कांग्रेस और राजद के पास जो संख्याबल है, उसके मुताबिक यह माना जा रहा है कि सरकार को आसानी से विश्वास मत हासिल हो जाएगा।81 सदस्यों वाली विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक सदस्य है। इसके अलावा भाकपा माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस के एक-एक विधायक विधायक का भी सरकार को समर्थन हासिल है।
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कोलकाता के बाहर जाने की इजाजत नहीं
कांग्रेस के तीन विधायक पिछले दिनों कोलकाता में कैश के साथ पकड़े गये थे। उन्हें जमानत तो मिली है, लेकिन कोलकाता के बाहर जाने की इजाजत नहीं है। इस स्थिति में वे सत्र में उपस्थित नहीं हो पाएंगे। इन्हें माइनस करने के बाद भी सदन में सत्ताधारी गठबंधन और उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों का संख्याबल 48 होता है, जबकि विश्वास मत के लिए न्यूनतम 42 विधायकों की जरूरत है। इस लिहाज से फिलहाल सरकार के विश्वास मत की राह में कोई परेशानी नहीं दिख रही है।
वर्तमान मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करेगी
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विधायकों को एकजुट रखने के लिए विगत 30 सितंबर से ही उन्हें रायपुर के एक रिसॉर्ट में रखा गया था। रविवार शाम ये विधायक विशेष विमान से यहां लाए गए। सभी विधायकों ने रांची के सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया। सोमवार सुबह सभी विधायक दो बसों में एक साथ विधानसभा जाने के लिए निकले हैं।झारखंड में यह पहली बार है, जब कोई सरकार खुद के लिए विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने जा रही है। सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी।

सरकार के भविष्य को लेकर जताई
विधानसभा के प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर ने सदन की कार्यवाही के बारे में जो सूचना जारी की है, उसके मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रस्ताव पेश करेंगे कि विधानसभा वर्तमान मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करेगी।दरअसल, सरकार के भविष्य को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है।गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म करने का मंतव्य झारखंड के राज्यपाल को भेजा है। हालांकि 11 दिनों के बाद भी राज्यपाल की ओर से इस संबंध में कोई आदेश सार्वजनिक नहीं किया गया है।
सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल
अब विश्वास मत के जरिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि विधानसभा में उसे पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसलिए मुख्यमंत्री को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की स्थिति में भी गठबंधन की सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है।इधर, भारतीय जनता पार्टी ने सदन में विश्वास मत का विरोध करने का निर्णय लिया है। पार्टी दुमका में हाल में घटी घटनाओं को लेकर भी सदन में हंगामा कर सकती है।