Jharkhand Naxal Surrender: झारखंड में नक्सलवाद की टूटी कमर! 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर
Jharkhand Naxal Surrender: झारखंड सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति का असर अब साफ दिखने लगा है। गुरुवार को भाकपा (माओवादी) संगठन से जुड़े 10 सक्रिय नक्सलियों ने चाईबासा में सरेंडर कर दिया। यह सरेंडर राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
Jharkhand Naxal Surrender: सरेंडर के दौरान मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
सरेंडर कार्यक्रम में झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता, IG अभियान एस. माइकल राज, IG ऑपरेशन सीआरपीएफ साकेत कुमार सिंह, IG सीआरपीएफ अनूप बिरथरे, DIG कोल्हान अनुरंजन किस्पोट्टा, चाईबासा के एसपी अमित रेणु और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Jharkhand Naxal Updates: सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम
पुलिस के अनुसार जिन 10 माओवादियों ने सरेंडर किया, उनके नाम हैं:
- रांदो बोइपाई उर्फ कांति
- गार्टी कोड़ा
- जॉन उर्फ जोहन पुरती
- निरसो सीदू उर्फ आशा
- घोनोर देवगम
- गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन
- कैरा कोड़ा
- कैरी कायम उर्फ गुलांची
- सावित्री गोप उर्फ फुटबॉल
- प्रदीप सिंह मुंडा
इन सभी पर हत्या, विस्फोट, हथियार कानून और यूएपीए जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज थे। ये अपराध टोन्टो, छोटानागरा, जराईकेला और गुवा थाना क्षेत्रों में हुए थे।
Chaibasa Naxal News: नक्सल आंदोलन को कमजोर करने में सफलता
पुलिस मुख्यालय का कहना है कि यह सरेंडर माओवादी संगठन पर एक बड़ा प्रहार है। इससे कोल्हान और सारंडा जैसे संवेदनशील इलाकों में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगेगी।

तीन सालों में 26 माओवादी मुख्यधारा में लौटे
राज्य सरकार और सुरक्षाबलों के साझा प्रयासों का असर यह है कि पिछले तीन वर्षों में 26 माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं। झारखंड पुलिस, कोबरा, जगुआर और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियानों के चलते नक्सलियों पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
पश्चिमी सिंहभूम में सैकड़ों अभियान
वर्ष 2022 से अब तक पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुल 9631 अभियान चलाए गए हैं। इनमें 175 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई और 10 उग्रवादी मुठभेड़ों में मारे गए। साथ ही बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
डीजीपी की अपील
पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति नक्सलियों को एक नई जिंदगी शुरू करने का अवसर देती है। उन्होंने अन्य माओवादियों से भी अपील की कि वे हथियार छोड़ें और समाज के साथ मिलकर विकास में भाग लें।
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