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झारखंड: सोरेन सरकार का नया दांव, राज्य भर में निकालेंगे जोहार-आशीर्वाद यात्रा

माइनिंग घोटाले में ईडी की कार्रवाई और खनन पट्टा से जुड़े मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश पर राजभवन से टकराव के बीच राज्य सरकार के सामने जो चुनौतियां पैदा हुई हैं, उनका सामना करने के लिए मुख्यमंत्री सोरेन अपने पक्ष में लगातर जनसमर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं।

04:51 PM Dec 02, 2022 IST | Desk Team

माइनिंग घोटाले में ईडी की कार्रवाई और खनन पट्टा से जुड़े मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश पर राजभवन से टकराव के बीच राज्य सरकार के सामने जो चुनौतियां पैदा हुई हैं, उनका सामना करने के लिए मुख्यमंत्री सोरेन अपने पक्ष में लगातर जनसमर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं।

झारखंड में माइनिंग घोटाले में ईडी की कार्रवाई और खनन पट्टा से जुड़े मामले में चुनाव आयोग की सिफारिश पर राजभवन से टकराव के बीच राज्य सरकार के सामने जो चुनौतियां पैदा हुई हैं, उनका सामना करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पक्ष में लगातर जनसमर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं। इसी कड़ी में सोरेन और सत्तारूढ़ गठबंधन के शीर्ष नेता अब पूरे राज्य में ‘जोहार आशीर्वाद यात्रा’ पर निकलेंगे।यात्रा की शुरूआत अगले हफ्ते होगी। इस दौरान राज्य के सभी 24 जिलों में सत्ताधारी गठबंधन रैलियां आयोजित करेगा।
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जोहार यात्रा की रणनीति तय करने के लिए मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं, विधायकों और मंत्रियों के साथ मीटिंग की। तय हुआ कि यात्रा के दौरान प्रतिदिन दो-दो जिले कवर किए जाएंगे। हर जिले में बड़ी रैली होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि राज्य की सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल होने के बावजूद अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी संदेश दिया जाएगा कि सरकार गिराने की साजिशों को जनता के समर्थन से विफल कर दिया जाएगा।झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि यात्रा के कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा एक-दो दिनों में कर दी जाएगी। यात्रा तीन चरणों में आयोजित की जा सकती है। पहले चरण में गढ़वा, पलामू, गुमला, लोहरदगा, गोड्डा और देवघर जिले में रैलियां होंगी।
यात्रा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कैबिनेट में शामिल सभी मंत्री, विधायक और नेता शामिल होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रोज अलग-अलग जिले में रात्रि विश्राम करेंगे और इस दौरान महागठबंधन के नेताओं-कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगे। हाल के महीनों में सरकार ने ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने, 1932 के खतियान के आधार पर डोमिसाइल पॉलिसी, ओल्ड पेंशन स्कीम, आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि, पारा शिक्षकों की सेवा के नियमितीकरण, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को विस्तार न देने जैसे कई बड़े निर्णय लिए हैं। यात्रा और रैलियों के दौरान इन निर्णयों को जनता के बीच पहुंचाने पर फोकस किया जाएगा।
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