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J&K News: पहाड़ी समुदाय को मिला अनुसूचित जनजाति का दर्जा, लोकसभा में बिल पास

11:01 AM Feb 07, 2024 IST | NAMITA DIXIT

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहाड़ी जातीय समूह को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विधेयक मंगलवार को लोकसभा से पास कर दिया गया। बता दें राजोरी, पुंछ के साथ ही कश्मीर संभाग के उड़ी, केरन व करनाह में इस समूह के लोग रहते हैं। इसके साथ ही वाल्मीकि समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का भी बिल लोकसभा से पारित किया गया।

जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने बिल लोकसभा में पेश किया

आपको बता दें लोकसभा ने संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक मंगलवार को पारित कर दिया। इसे जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में पेश किया।इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य पहाड़ी जातीय समूह, पाडरी जनजाति, कोली और गद्दा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान कर उन्हे सशक्त बनाना है। इन समुदायों के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।

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आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में इन समुदायों को शामिल करने से गुज्जर और बक्करवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनको जैसा आरक्षण मिल रहा था, उनका आरक्षण वैसा ही रहेगा।

सरकार आरक्षण पर आवश्यक अधिसूचना जारी करेगी

नई सूचीबद्ध अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण इस प्रकार प्रदान किया जाएगा कि इसका उन समुदायों पर कोई प्रभाव न पड़े, जो पहले से ही अनुसूचित जनजातियों के रूप में सूचीबद्ध हैं। संसद द्वारा विधेयक पारित होने के पश्चात, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार आरक्षण पर आवश्यक अधिसूचना जारी करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अनुसूचित जनजातियों की मौजूदा सूची में शामिल लोगों को समान स्तर का आरक्षण मिलता रहे।

उपराज्यपाल बोले- जम्मू कश्मीर के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन बिल को लेकर कहा कि लोकसभा ने पहाड़ी, पाडरी जनजाति, कोली और गद्दा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी है, जिससे इन समुदायों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हो गई है। आज का दिन जम्मू कश्मीर के लिए ऐतिहासिक दिन है।उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इन समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करना सुनिश्चित किया है। इससे गुज्जरों, बकरवालों और अन्य जनजातियों के लिए उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन्हें पहले की तरह आरक्षण मिलता रहेगा।

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