जेएनयू में छात्र संघ चुनाव से पहले बवाल, छात्रों के दो गुटों में झड़प, पुलिस ने दर्ज की FIR, जानें पूरा मामला
JNU Clash: जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में छात्र संघ चुनाव से पहले हुई जनरल बॉडी मीटिंग (जीबीएम) के दौरान छात्रों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई, जिससे विश्वविद्यालय का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इस घटना के बाद लेफ्ट समर्थक छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।
JNU Clash: छात्रों की झड़प और पुलिस कार्रवाई
इस घटना के बाद दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेएनयू छात्र संघ के कुछ पदाधिकारियों को हिरासत में लिया। इनमें नीतीश कुमार, मनीषा, मुन्तेहा फातिमा, मणिकांत पटेल, ब्रिटि कर और सौर्य मजूमदार शामिल थे। बाद में सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया। वहीं, कुछ अन्य छात्रों को दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत हिरासत में लेकर मेडिकल जांच के बाद उनके प्रोफेसरों के हवाले किया गया।
JNU Students Clash: लेफ्ट संगठनों के आरोप
घटना के बाद लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और कुछ घायल छात्र भी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जीबीएम में जानबूझकर हंगामा किया और रिपोर्ट पेश कर रहे छात्रों पर जातिसूचक टिप्पणी की। उनका दावा था कि एबीवीपी लगातार कैंपस का माहौल खराब कर रही है और चुनाव प्रक्रिया को बाधित करना चाहती है।
JNU Protest: ABVP की प्रतिक्रिया
ABVP की ओर से भी अलग प्रेस वार्ता की गई, जिसमें उन्होंने लेफ्ट समर्थक छात्रों पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि लेफ्ट छात्र चुनाव में पारदर्शिता नहीं चाहते और जातिवाद व क्षेत्रवाद जैसे मुद्दों को उछाल कर अशांति फैला रहे हैं। एबीवीपी का दावा है कि उनकी महिला छात्राएं भी इस झड़प में घायल हुई हैं और कई छात्रों का मेडिकल करवाया गया है। सूत्रों के अनुसार, झड़प के दौरान कुछ छात्रों को सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। उन्हें इलाज के लिए सफदरजंग और एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल छात्रों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना छात्र संघ चुनाव से ठीक पहले हुई है, जब सभी छात्र संगठन कैंपस में सक्रिय हैं और प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। ऐसे में यह टकराव चुनावी माहौल को और अधिक संवेदनशील बना सकता है।