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कोविड-19 से उबरने का एकमात्र रास्ता संयुक्त प्रयास, एक दूसरे को पछाड़ने से प्रयासों में होगी देरी : चीनी राष्ट्रपति

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से उबरने का एकमात्र रास्ता संयुक्त प्रयास हैं और दुनियाभर में टीकों के समान वितरण और टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है।

07:50 PM Jan 17, 2022 IST | Desk Team

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से उबरने का एकमात्र रास्ता संयुक्त प्रयास हैं और दुनियाभर में टीकों के समान वितरण और टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से उबरने का एकमात्र रास्ता संयुक्त प्रयास हैं और दुनियाभर में टीकों के समान वितरण और टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि एक दूसरे को पछाड़ने की सोच या आरोप-प्रत्यारोप से प्रयासों में देरी ही होगी और हम मुख्य उद्देश्य से भटक जाएंगे।
दुनिया को मिलकर महामारी को हराने की जरूरत
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सप्ताह भर चलने वाले ऑनलाइन दावोस एजेंडा सम्मेलन के पहले दिन ‘विश्व के हालात’ विषय पर अपने विशेष संबोधन में चिनफिंग ने कहा कि मानवता निश्चित रूप से आगे बढ़ेगी, लेकिन दुनिया को मिलकर महामारी को हराने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी लंबी खिंच रही है। यह स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर असर डालती है। एक दूसरे को पछाड़ने की सोच और आरोप-प्रत्यारोप से हमारे उद्देश्य ही प्रभावित होंगे।’’उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक खोलने तथा वृहद सहयोग की वकालत करते हुए कहा, ‘‘हमें अवरोधकों को हटाना चाहिये और दीवारें नहीं बनानी चाहिये। हमें चीजों को और अधिक खोलना चाहिये।
संरक्षणवाद और एकतरफा सोच से कोई नहीं बच सकता
उन्होंने कहा कि दुनिया को शीत युद्ध की मानसिकता को दूर करना होगा, अन्यथा टकराव के भयानक नतीजे सामने आएंगे। चिनफिंग ने कहा, ‘‘आज हमारी दुनिया शांत नहीं हो पा रही। नफरत और पक्षपात वाले बयानों की प्रचुरता है। इनसे उपज रहीं बाधाएं, दमन और टकराव की गतिविधियां नुकसान पहुंचाती हैं और वैश्विक शांति तथा सुरक्षा के लिए जरा भी अच्छी नहीं हैं। इतिहास में यह बात साबित हुई है कि टकराव से समस्याओं का समाधान नहीं निकलेगा। इसके परिणाम विनाशकारी ही होते हैं।’’
परोक्ष रूप से अमेरिका की ओर इशारा करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि संरक्षणवाद और एकतरफा सोच से कोई नहीं बच सकता क्योंकि इससे अंतत: दूसरों के तथा खुद के अपने हित भी प्रभावित होते हैं। चिनफिंग ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को तेजी से और मजबूती से पटरी पर लाने के लिए आर्थिक विकास के नये कारक खोजने होंगे। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ विकासशील देश महामारी के कारण गरीबी की ओर जा चुके हैं, वहीं कुछ विकसित देश भी मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं।
दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं, जो एक सदी में कभी नहीं दिखे
उन्होंने कहा, ‘‘विकसित देशों को जिम्मेदार आर्थिक नीतियों की जरूरत है।’’ चिनफिंग ने यह भी कहा कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना जारी रखेगा और वह आर्थिक तथा बाजार संबंधी सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। चीनी राष्ट्रपति ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक नियमों की और दुनियाभर में व्यापक रूप से सूचनाओं को साझा किये जाने की भी तरफदारी की। वीडियो कॉन्फ्रेंस से सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, ‘‘दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं, जो एक सदी में कभी नहीं दिखे। महामारी को कैसे हराना है और कोविड के बाद कैसी दुनिया बनानी है, ये दुनियाभर के लोगों के लिए साझा चिंता का विषय है।
चीन अफ्रीकी देशों को कोविड रोधी टीकों की एक अरब खुराक और देगा
कोरोना वायरस सबसे पहले 2019 के दिसंबर में चीन के शहर वुहान में सामने आया था। इसके कारण अब तक दुनियाभर में 32 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 55 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। डब्ल्यूईएफ के कार्यक्रम में चिनफिंग ने कहा कि चीन अफ्रीकी देशों को कोविड रोधी टीकों की एक अरब खुराक और देगा, वहीं आसियान देशों को 15 करोड़ खुराक मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर साबित हुआ है कि वैश्विक संकट के बीच देश अलग-अलग 190 छोटी नौकाओं में सवार नहीं हैं, बल्कि एक बड़े जहाज में सवार हैं।
चिनफिंग ने कहा, ‘‘छोटी नौकाएं तूफान से पार नहीं पा सकतीं, लेकिन बड़ा जहाज तूफान का मुकाबला कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समन्वित प्रयासों से महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में बड़ी प्रगति हुई है।
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