Jugnuma Movie Review: इंटरनेशनल लेवल पर तारीफ बटोर वाली Manoj Bajpayee की फिल्म Jugnuma की आखिर क्या है कहानी?
Jugnuma Movie Review: राम रेड्डी (Raam Reddy) के निर्देशन में बनी फिल्म Jugnuma - The Fable 12 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee), दीपक डोबरियाल (Deepak Dobriyal), प्रियंका बोस अहम भूमिका में है। बता दें, ये फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में काफी तारीफें बटोर चुकी है। इसके साथ ही इस फिल्म को 38वें लीड्स फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट फिल्म’ के तौर पर भी नवाजा जा चुका है। लेकिन क्या इंटरनेशनल लेवल पर इतनी सफलता हासिल करने के बाद ये फिल्म भारतीय दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना पाएगी ये एक बड़ा सवाल है। वहीं आखिर इस फिल्म की कहानी क्या है चलिए जानते है?
Jugnuma Movie Review
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी देव यानी मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) और उसके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो पहाड़ों में एक बड़े बागान का मालिक है। देव अपने परिवार के साथ रहता है और बागानों की देखभाल करता है। देव के घर के पास एक आउट हाउस है, जहां पर उसने एक पंख बनाए है और फिल्म के बीच-बीच में वो उन पंखों के ज़रिए पहाड़ों में घूमता नजर आता है। फिल्म की कहानी में नया मोड़ तब आता है जब जंगलों में एक-एक करके आग लगन शुरू हो जाती है और ये आग जंगलों में कौन लगा रहा है, इसे पता लगाने के लिए देव और उसका मैनेजर यानी दीपक डोबरियाल (Deepak Dobriyal) इन्वेस्टिगेट करते है।
फिल्म में देव की पत्नी यानी प्रियंका बोस (Priyanka Bose)के किरदार को मजबूती के साथ नहीं दिखाया गया है और काफी जगहों पर ये फिल्म दर्शकों को स्लो लग सकती है और बोर कर सकती है। फिल्म को एक फिक्शनल डॉक्यूमेंट्री के तौर दिखने की कोशिश की गई है, जहां 1980 के दशक की एक कहानी को फेयरी टेल स्टाइल में दिखाया गया है। तिलोत्तमा शोम (Tillotama Shome) की बात करें तो फिल्म के बीच में एक्ट्रेस एक कहानी सुनाती है, जो देव के परिवार की कहानी के रूप में दिखने को मिलती है।
हालांकि तिलोत्तमा का स्क्रीनस्पेस बेहद कम है और कहा जा सकता ही कि उनकी भूमिका को अच्छे से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। फिल्म को एक आर्ट फिल्म को तौर पर दिखा जा सकता है और इसकी कहानी को समझने के लिए दर्शकों को काफी धैर्य की ज़रूरत पड़ सकती हैं।
अभिनय
हमेशा की तरह इस बार भी मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) बेहतरीन अभिनय किया है, उनका किरदार भले ही समझने में थोड़ी परेशानी हो लेकिन एक्टर ने अपने किरदार के साथ पूरी तरह इंसाफ किया है। दीपक डोबरियाल (Deepak Dobriyal) की भी भूमिका में असरदार है, हालांकि उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। प्रियंका बोस और तिलोत्तमा शोम ने भी अपने स्क्रीनटाइम के साथ इंसाफ किया हैं।
निर्देशन
फिल्म का लेखन और निर्देशन राम रेड्डी (Raam Reddy) ने किया है। उन्होंने 2016 में कन्नड़ फिल्म ‘तिथि’ से पहचान बनाई थी और नेशनल अवॉर्ड के साथ-साथ कई इंटरनेशनल अवार्ड जीते हैं। हालांकि ‘जुगनुमा’ में डायरेक्टर का विज़न थोड़ा कमज़ोर नजर आता है, जिसके चलते बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का सक्सेसफुल होना मुश्किल लग रहा है।
देखें या नहीं?
कुल मिलाकर, अगर आप कुछ एक्सपेरिमेंट करना चाहते है और डॉक्यूमेंट्री जैसी फिल्में देखना पसंद करते है तो एक बार इस फिल्म को देख सकते है। लेकिन अगर आप कुछ एंटरटेनिंग देखने चाहते है तो ये फिल्म आपको निराश कर सकती है। Punjabkesari.com इस फिल्म को इसकी कमज़ोर कहानी और डायरेक्शन के कारण इसे 1 स्टार की रेटिंग देता है।