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चुनावी वर्ष का केंद्रीय बजट जुमलों की बाजीगरी : जीतन राम मांझी

किसानों के पाँच लोगों का परिवार, ₹17 एक दिन के खर्च कर एक परिवार कैसे जीवन बसर कर सकता है, इतने कम खर्च में यह अपने आप में ही हास्यास्पद है।

07:28 PM Feb 01, 2019 IST | Desk Team

किसानों के पाँच लोगों का परिवार, ₹17 एक दिन के खर्च कर एक परिवार कैसे जीवन बसर कर सकता है, इतने कम खर्च में यह अपने आप में ही हास्यास्पद है।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि चुनावी वर्ष का यह केंद्रीय बजट जुमलों की बाज़ीगरी मात्र है। माँझी का बयान, 5 सौं रू के महीने में कैसे चलेगा किसानों के पाँच लोगों का परिवार, ₹17 एक दिन के खर्च कर एक परिवार कैसे जीवन बसर कर सकता है, इतने कम खर्च में यह अपने आप में ही हास्यास्पद है।

मांझी ने कहा कि केंद्रीय बजट पुर्णत: चुनावी बजट है। केंद्र की मोदी सरकार ने फिर से चुनावी जुमलेबाजी का पासा फेंका है। लेकिन इस बार भारत की जनता उनके हर खेल को समझ रही है। युवाओं के लिए तो बेरोज़गारों के लिए बजट में कुछ नहीं। मांझी ने कहा कि यह बजट रेगुलर बजट नहीं यह जानते हुए कि नई सरकार आने वाली है।

यह जानबूझकर आने वाली नई सरकार को आर्थिक बोझ डालने वाली बजट है। यह सिर्फ वोट लेने के लिए बजट को पेश किया गया है। जब 10% सवर्णों को आरक्षण दिया गया जिसमें 8 लाख तक के गरीबों को लाभ देने की बात की गईै तो उस लिहाज से टैक्स फ्री करना ही था तो 5 की जगह 8 लाख कि सीमा क्यों नहीं रखी गई। केंद्रीय बजट पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

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