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पुतिन का बस 1 इशारा और यूक्रेन समेत 16 देश हो जाएंगे तबाह, जानिए ओरेश्निक मिसाइल की ताकत

Oreshnik Missile : यूक्रेन ने फिर रूस पर अमेरिका लॉन्ग रेंज मिसाइल से हमला किया है। अब अगले 24 घंटे के दौरान रूस अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल ओरेश्निक से जवाब दे सकता है।

08:06 AM Nov 24, 2024 IST | Ranjan Kumar

Oreshnik Missile : यूक्रेन ने फिर रूस पर अमेरिका लॉन्ग रेंज मिसाइल से हमला किया है। अब अगले 24 घंटे के दौरान रूस अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल ओरेश्निक से जवाब दे सकता है।

Russia and Ukraine War : यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क में अमेरिकी मिसाइल एटीएसीएमएस (ATACMS) से हमला किया है। इसमें यूक्रेन को नाटो का सपोर्ट मिला हुआ है। ऐसी आशंका है कि अगले 24 घंटे के दौरान रूस अपनी नई हाइपरसोनिक ओरेश्निक मिसाइल से विरोधी देश पर हमला कर सकता है। अब रूस द्वारा नाटो के बेस पर भी हमला किया जा सकता है। इसके लिए रूसी सेना तैयार है। उन्हें सिर्फ राष्ट्रपति पुतिन के एक इशारे का इंतजार है। पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि उनकी धरती के खिलाफ कोई लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करेगा तो हम उसकी मिलिट्री फैसिलिटी को उड़ा देंगे।

इन देशों पर हो सकता है हमला

पोलैंड, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, बुल्गारिया, कोसोवो, फिनलैंड, स्वीडन, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इटली, ग्रीस, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल।

हाइपरसोनिक आईआरबीएम मिसाइल ओरेश्निक की ताकत जानें

यह हाइपरसोनिक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। अधिकतम 12,300 km/hr की स्पीड से उड़ान भरकर 5500 किलोमीटर रेंज तक हमला कर सकती है। इसमें मल्टीपल इंडेपेंडेटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स सिस्टम है। मतलब एक साथ कई टारगेट पर हमला करने में सक्षम है। इसमें एक साथ 6-8 हथियार लगा सकते हैं। मतलब यह एक बार में इतने ही टारगेट्स पर हमला कर सकती है।

इसे नहीं रोक सकता दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम

मिसाइल में दोनों तरह के हथियार-पारंपरिक और न्यूक्लियर लगाए जा सकते हैं। हवा में टारगेट की तरफ बढ़ते समय दिशा और एंगल बदल सकती है। इसका मतलब हुआ कि दुश्मन का एयर डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं सकेगा। इसे दुश्मन के हाई-वैल्यू मिलिट्री टारगेट, स्ट्रैटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर और नाटो डिफेंस सिस्टम को खत्म करने के लिए बनाया गया है। हाइपरसोनिक होने से इसे रडार जल्दी पकड़ नहीं सकते।

सिर्फ 19 मिनट में पहुंच जाएगी इंग्लैंड

यह मिसाइल रूस के अस्त्राखान से दागने पर सिर्फ 19 मिनट में इंग्लैंड पहुंच जाएगी। 14 मिनट में बेल्जियम, 11 मिनट में जर्मनी, 8 मिनट में पोलैंड में दाखिल हो जाएगा। इसकी तकनीक सोवियत समय के पायोनियर (RSD-10) मिसाइल सिस्टम की तरह है, जिसे अमेरिका और सोवियत संघ में 1987 की INF ट्रीटी के बाद खत्म कर दिया था। इस ट्रीटी के तहत ये समझौता हुआ था कि दोनों देश जमीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को खत्म कर देंगे। खासतौर से 500-5500 किलोमीटर रेंज वाली। 1991 तक रूस ने 2692 मिसाइलों को खत्म किया था। इसमें पायोनियर मिसाइल भी थी, लेकन उसकी तकनीक अब भी उनके पास है।

अमेरिका और नाटो भी नहीं रोक सकते

रूसी सेना के रिटायर्ड कर्नल विक्टर लिटोवकिन का कहना है कि अमेरिका और नाटो के पास इस मिसाइल को रोकने की ताकत नहीं है। अब तक आईसीबीएम मिसाइलों को हाइपरसोनिक बनाया जाता था, लेकिन रूस ने मीडियम और इंटरमीडियट रेंज की मिसाइल को हाइपरसोनिक बनाया था। इसकी गति इसे सबसे ताकतवर बनाती है। पश्चिमी देशों के पास ऐसी मिसाइल नहीं है। अमेरिका के पास जो डार्क ईगल और ओपफायर जैसे प्रोग्राम की मिसाइलें हैं, वो इससे बहुत कम स्पीड में उड़ती हैं। रूस के पास इस रेंज की दो मिसाइलें-ओरेश्निक और किंझल हैं। इसके अलावा मैक 27 की गति से उड़ने वाली एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल।

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