Kajari Teej 2025 Vrat Katha: कजरी तीज पर जरूर करें इस कथा का पाठ, मिलेगा शिव-पार्वती का आशीर्वाद
Kajari Teej 2025 Vrat Katha: कजरी तीज या यानी 12 अगस्त, 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है, वहीँ कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए ये व्रत रख सकती हैं। यह त्योहार खासकर उत्तरी भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने के साथ व्रत कथा भी पढ़ना जरुरी है, इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इस कथा को पढ़ने से न सिर्फ वैवाहिक जीवन में सुख-शांति मिलती है, बल्कि विवाह से जुड़ी मुश्किलें भी दूर हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं कजरी तीज व्रत कथा:-
कजरी तीज व्रत कथा (Kajari Teej 2025 Vrat Katha)
कजरी तीज की कई कथाएं प्रचलित हैं, उन्हीं में से एक कथा आपको बताते हैं। एक गांव में ब्राह्मण परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी ने अपने पति के लिए भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत किया था। व्रत के दौरान उसने अपने पति से सत्तू लेन को कहा , सत्तू के लिए ब्राह्मण के पास पैसे नहीं थे। उसने अपनी पत्नी से कहा कि पैसे नहीं हैं, सत्तू कहा से लाऊंगा? इसके जवाब में पत्नी ने सीधा कह दिया कि उसे सत्तू चाहिए, चाहे कही से भी लाएं। ऐसे में ब्राह्मण ने चोरी करने का फैसला लिया और वह एक दुकान में रात के समय सत्तू लेने घुस गया। उसी दौरान दुकानदार की नींद खुल गई और उसने ब्राह्मण को पकड़ लिया, दूसरी तरफ पत्नी सत्तू का इंतजार कर रही थी। दुकानदार ने जब ब्रह्म की तलाशी ली, तो उसके पास से सिर्फ सत्तू निकला। ब्राह्मण ने दुकानदार को अपनी पूरी व्यथा सुनाई, जिसे सुनकर वह भावुक हो गया। दुकानदार ने कहा कि आज से आपकी पत्नी मेरी बहन है और मैं अपना भाई धर्म निभाउंगा। दुकानदार ने ब्राह्मण को सत्तू तो दिया ही, उसके साथ मेहंदी, गहनें, रुपए देकर विदा किया। ब्राह्मण ये सारी चीजें लेकर घर पंहुचा तो पत्नी देखकर खुश हो गई, उसने इन सारे सामानों से अपना व्रत पूर्ण किया।
कजरी तीज व्रत (Kajri Teej Vrat)
कजरी तीज, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में सुख के लिए, तथा कुंवारी महिलाएं अच्छा वर पाने के लिए ये व्रत रखती हैं। इस दिन पूरे दिन भर निर्जला व्रत रखा जाता है, शिव-पार्वती की पूजा और कथा का पाठ करते हैं। रात को चंद्रमा का अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। इस दिन सत्तू के लड्डू बनाना, झूला झूलना, गाय की पूजा करना और सोलह श्रृंगार करके पूजा करने की परंपराएं हैं।
कजरी तीज पूजा मुहूर्त (Kajri Teej Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 38 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 7 बजकर 3 बजे से 7:25 बजे तक रहेगा। निशिता काल मुहूर्त: रात 12 बजकर 5 मिनट से 12:48 मिनट तक होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:52 मिनट से 13 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
Disclaimer: इस लेख में बताई गए तरीके और सुझाव सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है, Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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