कब है कलंक चौथ, इस दिन देख लिया चांद तो लग जाएगा कलंक
Kalank Chauth 2025 Kab Hai: कलंक चौथ या कलंक चतुर्थी को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इसे पत्थर चौथ भी कहते हैं। यह खास पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चौथ तिथि को मनाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह दिन अक्सर गणेश चतुर्थी के साथ भी मेल खाता है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य नियम यह है कि चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए, और इसके पीछे एक पुरानी कथा जुड़ी हुई है।
कलंक चौथ की कथा और उसका महत्व

पुरानी कथा के अनुसार, एक बार चंद्रमा ने भगवान गणेश के बड़े पेट और हाथी के सिर की आकृति का मजाक बनाया था। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा को शाप दिया कि यदि इस दिन कोई चंद्रमा को देखेगा तो उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ेगा।
मान्यताएं हैं कि भगवान कृष्ण ने भी एक बार इस दिन चंद्रमा देखा था, (Kalank Chauth 2025 Kab Hai) जिसके कारण उन पर स्यमंतक रत्न चोरी का गलत आरोप लगा। संकट में फंसे भगवान कृष्ण ने गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखा, और गणेशजी की कृपा से उन पर लगे झूठे आरोप समाप्त हो गए।
कलंक चौथ 2025: तिथि और समय (Kalank Chauth 2025 Date and Time)
- 26 अगस्त को शाम 1:54 बजे से रात 8:29 बजे तक चंद्रमा को न देखें
- 27 अगस्त को सुबह 9:28 बजे से शाम 8:57 बजे तक चंद्रमा को न देखें
कलंक चौथ पूजा और इसका महत्व (Kalank Chauth 2025 kya na kare)

कलंक चौथ के दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं और उन्हें सिंदूर भी अर्पित करते हैं। चंद्रमा को न देखने का विशेष नियम होता है ताकि किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके। कलंक चौथ के दिन व्रत रखने से और पूजा करने से मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि होती है। यह दिन जीवन की बाधाओं को दूर करने (Kalank Chauth 2025 Kab Hai) और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह लेख पूरी तरह से मान्यताओं पर आधारित है।