दिवाली के दिन काली पूजा का विशेष महत्व? इस आरती से करें मैया का गुणगान, मिलेगा असीम पुण्य-कृपा का वरदान
Kali Mata Aarti Lyrics in Hindi: कार्तिक महीने की अमावस्या यानी दीवाली के दिन काली पूजा को विशेष रूप से मनाई जाती है। ये पूजा विशेषता पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, और असम में बड़े उत्साह से मनाई जाती है। इस दिन माता काली की पूजा की जाती है, जो हिंदू धर्म में शक्ति, ऊर्जा और साहस की देवी मानी जाती हैं। कहा जाता है कि माता काली की पूजा से सभी तरह के भय दूर होते हैं और व्यक्ति को आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इस दिन माता की आरती और मंत्र जाप करने से विशेष पुण्य और कृपा प्राप्त होती है।
Kali Mata Aarti Lyrics in Hindi:काली पूजा 2025 में कब है?
इस वर्ष काली पूजा 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। पर्व का शुभ समय 20 अक्टूबर की रात 11:55 बजे से लेकर 21 अक्टूबर की रात 12:44 बजे तक रहेगा।
Kali Mata Aarti Lyrics: काली माता की आरती
आरती काली मां की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
कालरात्रि भवानी माता,
जगदंबा दुख हारन दाता।
जो जन शरण तुम्हारी आते,
मनवांछित फल सब पाते॥
आरती काली माँ की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
शंभु शंकर के प्राण प्यारी,
महाकाल की तू महतारी।
धूप, दीप अरु फूल चढ़ाएँ,
भक्त प्रेम से गुण गाएँ॥
आरती काली मां की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
मां का रूप है भयंकर,
दुर्गा, चंडी, शक्ति अमर।
रक्तबीज को मार गिराया,
भूत, पिशाच डर के भागा॥
आरती काली माँ की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
मां भवानी दया दिखाओ,
हम भक्तों को कष्ट मिटाओ।
तेरे दर पर शीश झुकाते,
हर संकट से रक्षा पाते॥
आरती काली माँ की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
जय काली! जय महाकाली!
दुष्टों की तू विनाशक वाली।
करुणा कर दो हम पर माता,
पूर्ण करो हर एक विधाता॥
आरती काली मां की कीजै,
भक्तों को सुख-सम्पत्ति दीजै।
Diwali 2025: काली पूजा में किन चीजों की जरूरत होती है?
काली माता की पूजा करते समय कुछ खास सामग्री की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है:
- माता काली की मूर्ति या चित्र
- लाल कपड़ा (चौकी पर बिछाने के लिए)
- पूजा की थाली
- दीपक और घी
- रूई की बाती
- धूप और अगरबत्ती
- कपूर
- गंगाजल
- अक्षत (चावल)
- रोली और हल्दी
- श्रृंगार का सामान (माता को चढ़ाने के लिए)
- फूल और फल
- कलश
- नारियल (कलश के ऊपर रखने के लिए)
- आम के पत्ते
- पान के पत्ते
- बेलपत्र (यदि मिल जाए)
काली पूजा कैसे करें?
1. स्नान और साफ वस्त्र पहनें
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
2. गणेश जी का आह्वान करें
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए ताकि कार्य में कोई विघ्न न आए।
3. माता की प्रतिमा स्थापित करें
एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता काली की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
4. पूजन सामग्री अर्पित करें
माता को हल्दी, कुमकुम, फूल, फल, नारियल, लाल चुनरी, और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
5. दीपक और अगरबत्ती जलाएं
दीपक में घी और बाती डालकर जलाएं। साथ ही अगरबत्ती और धूप भी जलाएं।
6. मंत्र जाप करें
माता काली के मंत्रों का जाप करें। इससे मन को शांति और शक्ति मिलती है।
7. भोग अर्पण करें और आरती करें
माता को भोग अर्पित करें और फिर आरती गाएं। सभी पर माता की कृपा बनी रहती है।
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