Kali Puja 2025: काली पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, जानें पूजा विधि और सामग्री
Kali Puja 2025: हिंदू धर्म में काली पूजा हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। भारत के कई हिस्सों में दिवाली के दिन ही देवी काली की पूजा की जाती है। भारत में ऐसे बहुत से त्योहार हैं, जिसका अपना-अपना महत्व है। इस पूजा को खासतौर से पश्चिम बंगाल में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पूजा को श्यामा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं, किस दिन होती है काली जी की पूजा, इस दौरान कौन से काम करना चाहिए और कौन से नहीं और पूजा की सामग्री क्या है
Kali Puja Date and Time: पूजा विधि और समय
काली जी की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिस घर में काली जी की पूजा की जाती है, उस घर में कभी भी दुख, संकट का वास नहीं होता है। दिवाली एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है, जो लोग देवी काली की पूजा करते हैं, उन लोगों को बहुत सी ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होता है। क्योंकि काली माता की पूजा बड़े ही विधि-विधान के साथ की जाती है। इस पूजा के दौरान माता काली को उनके प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं, उनके भोग में उन्हें फल, मिठाई, मछली से लेकर दाल का भोग अर्पित किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल काली पूजा 20 अक्टूबर को दोपहर 3.44 बजे शुरू होगी। इसकी तिथि का समापन 21 अक्टूबर को शाम 5.54 बजे होगा। इसलिए इस साल काली पूजा 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। निशीथ काल की पूजा का समय 20 अक्टूबर को रात 11:41 बजे से 21 अक्टूबर को मध्यरात्रि 12:31 बजे के बीच होगा।
Kali Puja 2025 Do’s And Dont’s: काली पूजा के दौरान क्या करें और क्या न करें
इस दिन पूजा लाल फूल, गुड़, सिंदूर और काले चने से करना चाहिए। माता की पूजा करने के दौरान मन में किसी भी तरह का छल-कपट न रखें। अपने मन में भक्ति की भावना रखें, पूजा के दौरान किसी भी तरह की धोखेबाजी न करें। “ॐ क्रीं कालीकायै नमः” मंत्र का जाप करें, इससे मन को शांति मिलती है और आत्मबल में वृद्धि होती है। किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या मिठाई का दान करना काफी शुभ माना जाता है। यह मां काली को प्रसन्न करने का सबसे आसान और शुभ तरीका है। काली पूजा की रात माता का भजन करें, इस दिन जागरण करवाना काफी शुभ माना जाता है।
काली पूजा के दिन नकारात्मक विचार या किसी से बहस न करें, तनाव लड़ाई-झगड़े से दूर रहें। मां काली शांति और संयम पसंद करती हैं। सात्त्विक भोजन करें और मांसाहार या मदिरा का सेवन करने से बचें। इस दिन पूजा के दौरान हल्के और साफ कपड़े पहनें। ऐसा करना पूजा के लिए शुभ और पवित्र माना जाता है। मां काली सच्चाई की देवी हैं, झूठ बोलना या बनावट दिखाना उनके प्रति अपमान माना जाता है।
Kali Puja Samagri List: काली पूजा सामग्री
- प्रतिमा या तस्वीर
- लाल कपड़ा
- दीपक
- घी
- बाती
- धूप
- कपूर
- गंगाजल
- रोली
- अक्षत
- सिंदूर
- श्रृंगार का सामान
- लाल फूल
- फल
- पान के पत्ते
- नारियल
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