kamikaze drone बना BITS Pilani का कमाल, 300 kmph की रफ्तार से भारतीय सेना को सौंपा
BITS आयोजनों में बनी एक साधारण हॉस्टल रूम की प्रयोगशाला ने भारत की रक्षा तकनीक में धाक जमा दी है। एक defence tech startup Apollyon Dynamics ने मात्र दो माह में ऐसा kamikaze drone विकसित किया जो 300 kmph की रफ्तार से उड़ सकता है, रडार-प्रूफ है और 1 kg तक के पेलोड को सटीकता से गिरा सकता है। भारतीय सेना ने इसे जम्मू, चंडीमंदिर, पनागर, अरुणाचल प्रदेश जैसे सीमावर्ती हिस्सों में तैनात किया है।
kamikaze drone की विशेषताएँ: हॉस्टल से हाइ-टेक तक का सफर
BITS Hyderabad के 20 वर्षीय छात्रों, Jayant Khatri और Sourya Choudhury, ने बीटीएस पिलानी में अपने हॉस्टल केबिन से इस kamikaze drone का विकास शुरू किया। ये आधुनिक UAVs कार्बन फाइबर के फ्रेम, AI-पावर्ड फ्लाइट सिस्टम और एनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल से लैस हैं।
रफ़्तार: लगभग 300 kmph, जो इन्हें मार्केट में उपलब्ध सामान्य ड्रोन्स से लगभग पांच गुना तेज बनाता है।
Payload: 1 kg तक का पेलोड जिसे सटीकता से गिराने में सक्षम।
Agility: रडार से बचने की क्षमता और mid-flight एडजस्टमेंट की सुविधा।
तकनीकी सुरक्षा: उन्नत एन्क्रिप्शन और AI-एनालिटिक्स से लैस।
बस दो माह में काम पूरा और सेना को सुपुर्द — यह Taylor-made साइबर-फिजिकल सिस्टम वाकई ‘Make in India’ का एक नया रूप है।
हॉस्टल हॉब्बी से defence tech startup की राह
BITS Pilani के Robotics Club में शुरू हुआ यह प्रयोग धीरे-धीरे Apollyon Dynamics नाम के defence tech startup में तब्दील हो गया।
Sourya ने बताया, “हमारे Robotics से शुरू हुए प्यार ने हमें साथ रखा। जब हमें आर्डर मिला, तब महसूस हुआ कि हमें बड़ी योजना पर काम करना है।”
Jayant ने LinkedIn पर सेना अधिकारियों को cold-email भेजे। एक Colonel ने जल्दी ही Chandigarh में ड्रोन का डेमो देखने का न्यौता भेजा। कोशिश रंग लाई और आदेश आ गया।
सीमापार मिसाइल नहीं, घरेलू kamikaze drone
यह kamikaze drone मिसाइल की तुलना में कहीं अधिक कुशल समाधान है — सस्ता, सटीक और terrain‑friendly।
यह बॉर्डर एरिया में तैनात सेना के लिए उपयुक्त है,
High-risk ज़ोन में डिटेक्शन की संभावना न्यूनतम है,
Surveillance और surgical airstrike की dual भूमिका संभाल सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फील्ड ट्रायल्स में यह UAV हर चुनौती पर खरा उतर गया। Reliability, adaptability और low-footprint इसकी ताकत बन गये हैं।
अगली कड़ी: VTOL और फिक्स्ड-विंग ड्रोन
Apollyon Dynamics अगली-पीढ़ी के VTOL (Vertical Take-Off and Landing) और fixed-wing सिस्टम्स पर भी काम कर रहा है। यह तकनीक भविष्य में लंबी दूरी और भारी पेलोड वाहनों के लिए game changer साबित होगी। साथ ही, कंपनी सेना को ट्रेनिंग भी दे रही है ताकि जवान इस high-tech डिवाइस को सही तरीके से संचालित कर सकें।
Make in India का वादा: हॉस्टल से युद्धक्षेत्र तक
यह कहानी सिर्फ एक defence tech startup की सफलता नहीं है, बल्कि यह ‘Make in India’ मिशन का प्रतीक है।
कॉलेज के छात्रों की हॉब्बलिया से शुरू हुई टेक्नोलॉजी आज बॉर्डर पर तैनात है।
निजी नवाचार और सरकारी सपोर्ट का मिलन देश की सैन्य ताक़त को आत्मनिर्भर बना रहा है।
यह मॉडल भविष्य में और स्टार्टअप को प्रेरित करेगा कि वे राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएं।
चुनौतियाँ और संभावनाएं
हालांकि Apollyon ने कम समय में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की, लेकिन कुछ चुनौतियां अभी बाकी हैं:
मान्यता (certification) और बड़े पैमाने पर production के लिए स्वीकृति,
उच्च स्तर की तकनीकी सुरक्षा और counter‑drone संभावनाओं का सामना,
Regulatory framework में स्थिरता की आवश्यकता।
इसके बावजूद कंपनी ने फील्ड ट्रायल में जो विश्वसनीयता हासिल की है, उसके आधार पर यह स्पष्ट है कि भारतीय युवाओं में रक्षा नवाचार की अनूठी क्षमता है।
एक हॉस्टल रूम में शुरू हुआ यह प्रयोग अब टेक्नोलॉजी और मिसाइल सिस्टम की दिशा बदल रहा है। Apollyon Dynamics के defence tech startup रूप में विकसित kamikaze drone ने भारत को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। यह स्टार्टअप और इसके UAVs न केवल ‘Make in India’ के सपने को साकार कर रहे हैं, बल्कि निहित क्षमताओं के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़ा योगदान भी दे रहे हैं। आने वाले समय में यह कहानी भारतीय रक्षा निर्माण की एक प्रेरणास्पद मिसाल बनेगी।