कानपुर मेट्रो: तुर्की की कंपनी के फरार होने से ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ीं
ठेकेदारों की चिंता बढ़ी, तुर्की कंपनी ने छोड़ा काम
कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट में तुर्की कंपनी के फरार होने से ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कंपनी 80 करोड़ लेकर गायब हो गई, जिससे स्थानीय कार्यालय पर ताला लगा मिला। ठेकेदारों का आरोप है कि यूपीएमआरसी से कोई कार्यवाही नहीं हुई और कंपनी का भुगतान रोक दिया गया है।
भारत-पाक युद्ध में तुर्की ने भी दखल दिया है। तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देकर भारत से दुश्मनी मोल ले ली है। अब भारत में तुर्की का बहिष्कार किया जा रहा है। ऐसे में तुर्की और पाकिस्तान के सभी उत्पादों का भी बहिष्कार किया जा रहा है। ऐसे में कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। तुर्की की एक कंपनी ठेकेदारों के 80 करोड़ लेकर भाग गई। कंपनी के स्थानीय कार्यालय पर ताला लगा मिला। स्थानीय लोगों और वहां मौजूद गार्डों का कहना है कि कंपनी हमारा वेतन दिए बिना ही चली गई।
वहीं, ठेकेदारों का आरोप है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कंपनी के अधिकारियों ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया। बार-बार पूछताछ और फोन कॉल के बाद वे शहर छोड़कर भाग गए। पीड़ितों ने मीडिया कर्मियों के सामने कंपनी के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच एक ठेकेदार ने कंपनी का पत्र दिखाते हुए बताया कि कैसे अधिकारियों ने उनसे कहा था कि वे भुगतान तभी करेंगे जब वे 30 से 40 प्रतिशत की छूट देंगे। लेकिन अब सभी गायब हैं। ठेकेदारों का आरोप है कि यूपीएमआरसी की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल, जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।
ठेकेदारों का कहना है कि पहले तो बातचीत हो जाती थी, लेकिन जब से तुर्की के बहिष्कार का कैंपेन चला है, तब से कंपनी को पता नहीं क्या लगा कि वह वहां से अपना ऑफिस छोड़कर चली गई। जबकि उन्होंने अभी किसी कर्मचारी को वेतन तक नहीं दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कानपुर में मेट्रो स्टेशनों के बनाने के लिए तुर्की कंपनी को टेंडर दिया गया था। ऐसे में कंपनी को देश छोड़ भागने के बाद 40 से अधिक भारतीय मजदूरों का करोड़ों रूपये का वेतन रोक लिया था।
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