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कांग्रेस के आरोप पर बोले कंवरपाल गुज्जर-इतिहास को आप शुगर कोटेड नहीं बना सकते

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पुस्तकों के जरिये इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करना चाहती है। वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने पलटवार करते हुए कहा कि आप इतिहास को शुगर कोटेड नहीं बना सकते।

02:06 PM May 13, 2022 IST | Desk Team

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पुस्तकों के जरिये इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करना चाहती है। वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने पलटवार करते हुए कहा कि आप इतिहास को शुगर कोटेड नहीं बना सकते।

हरियाणा के स्कूलों में छठी से दसवीं तक इतिहास की बुक में हुए बदलाव को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर इतिहास में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पुस्तकों के जरिये इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करना चाहती है। वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री और बीजेपी नेता कंवरपाल गुज्जर ने पलटवार करते हुए कहा कि आप इतिहास को शुगर कोटेड नहीं बना सकते। 
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दरअसल, हरियाणा में छठी से दसवीं तक की इतिहास की किताबों के सिलेबस में बदलाव किया गया है। नए पाठ्यक्रम में विदेशी आक्रमण के बारे में एक पेज दिया गया है, जबकि महापुरुषों के बारे में एक पैरे की जगह एक पेज का स्थान दिया गया है। पुस्तक में महात्मा गांधी के साथ-साथ वीर सावरकर के बारे में पढ़ाया जाएगा।
इतिहास की किताबों के सिलेबस में इस बदलाव के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में नौवीं कक्षा में इतिहास के पाठ्यक्रम से छेड़-छाड़ कर रहे हैं, और हरियाणा के छात्रों को ‘आज़ादी के आंदोलन’ का गलत इतिहास पढ़ा रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि यह स्वतंत्रता संग्राम का घोर अपमान है, इसे कांग्रेस कभी बर्दास्त नहीं करेगी।
सावरकर की अपनी एक फिलोसोफी
कांग्रेस ने इन आरोपों पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने शुक्रवार को जवाब देते हुए कहा कि इतिहास को आप सुगर कोटेड नहीं बना सकते। उसमें जो कड़वी बातें हैं उसे भी कहा जाना चाहिए। कांग्रेस को बहुत सारे श्रेय मिल रहे हैं तो वहां कुछ गलतियां भी हुई हैं तो उसका भी जिक्र किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, ऐसा नहीं है कि वीर सावरकर के बारे में अभी पढ़ाया जा रहा है, पहले भी पढ़ाया जाता था। मैं इसके पक्ष में हूं। वीर सावरकर जी ने देश के लिए जो बलिदान दिया वो बेमिसाल है। उनकी अपनी एक फिलोसोफी थी और उन्होंने चीजों को अपने तरीके से किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा, कुछ लोग सोचते हैं कि केवल गांधी जी का दर्शन ही प्रबल होना चाहिए, यह उनकी सोच हो सकती है। राष्ट्र के लिए लड़ने वालों की अलग-अलग विचारधाराएं थीं लेकिन सभी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। यह एक व्यक्तित्व को दूसरे से कम नहीं बनाता है। वे सभी समान रूप से महान थे।
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