मानसून में रामबाण है करेला, जानिए इसके 5 जबरदस्त फायदे
हैल्थ डैस्क : मानसून अपने साथ जहां एक ओर ठंडी हवाएं और बरसात की राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम मौसमी बीमारियों, कमजोर पाचन और गिरती इम्युनिटी की भी वजह बनता है। ऐसे में कई लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन आपकी रसोई में मौजूद एक सब्ज़ी करेला जो इस मौसम में एक प्राकृतिक औषधि बनकर सामने आता है। भले ही करेला स्वाद में कड़वा हो, लेकिन इसके हेल्थ बेनिफिट्स इसे मॉनसून डाइट का अनमोल हिस्सा बनाते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व न केवल शरीर को बीमारियों से बचाते हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
जानिए करेले को मॉनसून में डाइट में शामिल करने के पांच बड़े फायदे:
1. ब्लड शुगर को नेचुरली करता है कंट्रोल
करेला में पाए जाने वाले चारेंटिन, पॉलीपेप्टाइड-पी और विसिन जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स इंसुलिन की तरह काम करते हैं और शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं। यह गुण करेला को डायबिटीज़ या प्रीडायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद फायदेमंद बनाता है।
2. पाचन सुधारने और डिटॉक्स में सहायक
इसमें मौजूद हाई फाइबर और पानी की मात्रा पाचन तंत्र को सुचारू बनाती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। इसके अलावा, करेले का कड़वापन लिवर से पित्त का स्त्राव बढ़ाता है, जिससे फैट्स का बेहतर पाचन होता है और शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है।
3. इम्यूनिटी को करता है मजबूत
मॉनसून के मौसम में सर्दी, फ्लू और अन्य इंफेक्शंस आम हो जाते हैं। करेला विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं। ये तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर बीमारियों से बचाते हैं।
4. लिवर हेल्थ को करता है बेहतर
मॉनसून में तली-भुनी और भारी डाइट लेने से लिवर पर बोझ बढ़ता है। करेला लिवर के पित्त स्त्राव को प्रोत्साहित करता है और डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया को तेज करता है। इसके पोषक तत्व लिवर कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और उनके पुनर्निर्माण में सहायक होते हैं।
5. स्किन के लिए वरदान
मॉनसून की नमी स्किन इंफेक्शन, फंगल समस्याएं और मुंहासों को जन्म देती है। करेला अपने एंटीमाइक्रोबियल और सूजनरोधी गुणों के कारण रक्त को शुद्ध करता है और स्किन की सूजन कम करता है। इससे स्किन साफ, हेल्दी और चमकदार बनी रहती है।
यह भी पढ़ें- बम की झूठी धमकी देने वालों पर क्या होती है कार्रवाई? जानिए क्या कहता है कानून