W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

कारगिल युद्ध धोखा, पराक्रम की पराकाष्ठा, राजनीतिक इच्छा शक्ति का निर्णायक मोड़ की पहचान : डॉ संजय जायसवाल

कारगिल विजय दिवस के मौके पर मंगलवार को भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कारगिल युद्ध इतिहास में धोखे व पराक्रम की पराकाष्ठा और राजनीतिक इच्छाशक्ति के लिए याद किया जाता है।

05:03 PM Jul 26, 2022 IST | Ujjwal Jain

कारगिल विजय दिवस के मौके पर मंगलवार को भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कारगिल युद्ध इतिहास में धोखे व पराक्रम की पराकाष्ठा और राजनीतिक इच्छाशक्ति के लिए याद किया जाता है।

कारगिल युद्ध धोखा  पराक्रम की पराकाष्ठा  राजनीतिक इच्छा शक्ति का निर्णायक मोड़ की पहचान   डॉ संजय जायसवाल
Advertisement
पटना: कारगिल विजय दिवस के मौके पर मंगलवार को भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि कारगिल युद्ध इतिहास में धोखे व  पराक्रम की पराकाष्ठा और राजनीतिक इच्छाशक्ति के लिए याद किया जाता है।
Advertisement
भाजपा प्रदेश कार्यालय स्थित अटल सभागगर में आयोजित सम्मान समारोह में आए पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए जायसवाल ने कहा कि यह युद्ध न केवल भारत के साथ धोखा था बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी धोखे में रखा गया। इस युद्ध में भारत की सेनाओं के शौर्य व पराक्रम की पराकाष्ठा का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी स्वीकार करना पड़ा कि युद्ध में हमारी निर्णायक हार हुई है। शायद ही कोई देश युद्ध में हार को स्वीकार करता है। यह सेना की पराकाष्ठा को दिखाता है।
Advertisement
उन्होंने कहा कि इस युद्ध के दौरान देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका के राष्ट्रपति को साफ तौर पर कह दिया था  कि बिना युद्ध समाप्त हुए कोई बात नहीं हो सकती। अमेरिका के राष्ट्रपति को ऐसा सीधा संदेश राजनीतिक इच्छा शक्ति का बड़ा उदाहरण है।
Advertisement
इस मौके पर बिहार के सह-प्रभारी हरीश द्विवेदी जी ने कहा कारगिल का युद्ध केवल दो देशों के बीच का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह असत्य के खिलाफ़ सत्य और  अधर्म के खिलाफ धर्म का शंखनाद था। यह बंदूक के दम पर साम्राज्य फ़ैलाने वाली ताकतों के खिलाफ़ मातृभूमि की रक्षा के लिए उठे हाथों का संघर्ष का था, जिसमें हमारे रणबांकुरों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले माँ भारती के इन वीर सपूतों के प्रति देश हमेशा कृतज्ञ रहेगा।
इस समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस गांव गांव, घर घर आयोजित होते हैं, यह भारतीयों के लिए गर्व और गौरव का दिन है।बिहार प्रदेश पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के संयोजक आशुतोष कुमार शाही ने कहा कि मैं उस युद्ध मे खुद शामिल था। उस युद्ध में विजय आज के पूर्व सैनिकों और वर्तमान सैनिकों के लिए भी गौरव की बात है। इस समारोह में कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों के वीर नारियो और युद्ध में शामिल वीर सैनिकों को सम्मानित भी किया गया।
समारोह में बिहार के सह प्रभारी और सांसद हरीश द्विवेदी, संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसनिया, भाजपा के उपाध्यक्ष और प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव रंजन, शिवनारायण महतो सहित अन्य लोग उपस्थित थे। समारोह का मंच संचालन मनोज कुमार सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सत्येन्द्र सिंह द्वारा किया गया। मंच पर सह संयोजक धर्मेन्द्र सिंह, प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी उपेन्द्र सिंह, प्रभात रंजन, नीरज झा व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहें।
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×