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Karnataka caste survey: डीके. शिवकुमार बोले जाति जनगणना के लिए विभिन्न समुदायों की मांगों पर विचार किया जाना चाहिए

05:34 PM Nov 22, 2023 IST | R.N. Mishra

Karnataka caste survey: जाति जनगणना को लेकर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके. शिवकुमार ने कहा कि पार्टी अपनी लाइन पर कायम है, लेकिन इसके लिए विभिन्न समुदायों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मांग पर विचार किया जाना चाहिए।

Highlights

कांग्रेस में आंतरिक झगड़े की संभावना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया द्वारा विवादास्पद जाति रिपोर्ट को स्वीकार करने की तैयारी की पृष्ठभूमि में यह बयान महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कदम से सत्तारूढ़ कांग्रेस में आंतरिक झगड़े भी होंगे। शिवकुमार ने इस संबंध में सौंपे गए ज्ञापन पर अपने हस्ताक्षर भी किए थे कि वर्तमान जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

अनुसूचित जाति पंचमसालिस वीरशैव और वोक्कालिगा सभी लड़ रहे- डिप्टी सीएम
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस सरकार द्वारा जाति जनगणना को अस्वीकार करने का समर्थन करते हैं, शिवकुमार ने जवाब दिया, पार्टी का रुख जाति जनगणना के माध्यम से सामाजिक न्याय देना है। लेकिन, विभिन्न समुदायों से इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक आधार पर संचालित करने की मांग है। शिवकुमार ने कहा, कई समुदाय आनुपातिक आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अनुसूचित जाति पंचमसालिस वीरशैव और वोक्कालिगा सभी लड़ रहे हैं। ये मांगें पार्टी लाइनों से हटकर हैं। कुछ समुदायों ने कहा है कि जनगणना से पहले उनसे संपर्क नहीं किया गया है और इसलिए वे वैज्ञानिक जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने जाति जनगणना पर मुख्यमंत्री को भेजी गई याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं, शिवकुमार ने कहा कि विभिन्न समुदायों के राजनेता इस मुद्दे पर एकजुट हो रहे हैं। इसी तरह मुझे समुदाय की टोपी पहननी होगी और समुदाय द्वारा आयोजित अराजनीतिक बैठकों में भाग लेना होगा। क्या यह गलत है? सीएम सिद्दारमैया ने कहा था कि वह अपने रुख पर कायम हैं कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान आयोजित जाति रिपोर्ट के रूप में ज्ञात सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण को स्वीकार करने और उन समुदायों को न्याय प्रदान करने का उनका निर्णय है, जिन्होंने अवसर गंवा दिए हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े ने कहा था कि वह 24 नवंबर को सरकार को रिपोर्ट सौंपने पर विचार कर रहे हैं। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने जाति रिपोर्ट का खुलकर विरोध किया है और रिपोर्ट को खारिज करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।

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