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Karnataka High Court: कायदे से चुनाव याचिकाओं का निस्ताण 6 महीने में हो जाना चाहिए

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि कायदे से चुनाव याचिकाओं का छह महीने में निस्तारण हो जाना चाहिए।

05:49 AM Sep 09, 2022 IST | Desk Team

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि कायदे से चुनाव याचिकाओं का छह महीने में निस्तारण हो जाना चाहिए।

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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि कायदे से चुनाव याचिकाओं का छह महीने में निस्तारण हो जाना चाहिए।अदालत ने ऐसी याचिकाओं को अगले चुनाव तक खींचने की भी आलोचना की।
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न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने यह टिप्पणी वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी रहे मुनीराजू गौड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की जो राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट से तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मुनीरत्न नायडू से हार गए थे, जो अब भाजपा सरकार में मंत्री हैं।
अदालत ने यह टिप्पणी उस समय की जब याचिककर्ता और परिवादी के वकील अदालत में जमा दस्तावेजों को सत्यापित करने में मुश्किल का सामना कर रहे थे। न्यायालय ने कहा कि इस तरह के मामलों में अदालतों का समय बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है।
मुनीराजू गौ़डा ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नायडू को अयोग्य करार देने के लिए याचिका दायर की है।
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वहीं, नायडू चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए और विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद उसी सीट से उपचुनाव में दोबारा जीत गए। वहीं, गौड़ा अब सत्तारूढ़ पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हैं।
गौड़ा बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि नायडू ने चुनाव घोषित होने से पहले अपने पसंद से विभिन्न विभागों के अधिकारियों का तबादला किया।
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