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Karnataka: लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुगा अरेस्ट, नाबालिग लड़कियों से यौन शोषण का लगा आरोप

कर्नाटक के मुरुघा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को उच्च विद्यालय की छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

09:24 AM Sep 02, 2022 IST | Desk Team

कर्नाटक के मुरुघा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को उच्च विद्यालय की छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

karnataka  लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुगा अरेस्ट  नाबालिग लड़कियों से यौन शोषण का लगा आरोप
कर्नाटक के मुरुघा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को उच्च विद्यालय की छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी है। बृहस्पतिवार को उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद बताया कि पुलिस ने पूछताछ के बाद मठाधीश को गिरफ्तार कर लिया।
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वही, राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक के मठाधीश से पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की। कुमार इस मामले में जांच अधिकारी हैं। इसके बाद उन्हें चिकित्सा जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास पर उन्हें पेश किया गया। पुलिस अधीक्षक परशुराम ने बताया कि न्यायाधीश ने मठाधीश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उन्हें चित्रदुर्ग के जिला कारागार भेजा गया।
शिवमूर्ति ने आरोपों पर दिया बयान
बता दें, मैसुरु शहर की पुलिस ने कथित यौन शोषण के लिए शिवमूर्ति के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत पांच लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी। पुलिस ने बृहस्पतिवार को वार्डन से भी पूछताछ की। गौरतलब है कि दो लड़कियों ने मैसुरु में एक गैर-सरकारी संगठन का रुख करते हुए उन्हें कथित यौन शोषण की जानकारी दी थी जिसके बाद संगठन ने प्राधिकारियों से संपर्क किया और पुलिस ने मामला दर्ज किया।
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इस मामले को चित्रदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया क्योंकि कथित अपराध वहीं हुआ था। मठाधीश पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि एक पीड़िता अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती है। शिवमूर्ति ने पहले दावा किया था कि उनके खिलाफ आरोप लंबे समय से रचे जा रहे एक षडयंत्र का हिस्सा है, तथा वह कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और जांच में सहयोग करेंगे।
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