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कार्तिक आर्यन पहले ऑटो से उतरकर करते थे रेड कॉर्पेट इवेंट मे एंट्री, अब बने महेंगी गाड़ियों के मालिक

कार्तिक आर्यन इस वक़्त बॉलीवुड पर हुकूमत कर रहे है। लेकिन क्या आप जानते है उन्हें ये कामयाबी और शौहरत इतनी आसानी से नहीं मिली! अब एक से बढ़कर एक महेंगी गाड़ियों के मालिक बन चुके कार्तिक आर्यन बॉलीवुड में फिल्में करने के बाद भी रेड कॉर्पेट इवेंट में आटो से ही जाते थे।

02:02 PM Jul 20, 2022 IST | Desk Team

कार्तिक आर्यन इस वक़्त बॉलीवुड पर हुकूमत कर रहे है। लेकिन क्या आप जानते है उन्हें ये कामयाबी और शौहरत इतनी आसानी से नहीं मिली! अब एक से बढ़कर एक महेंगी गाड़ियों के मालिक बन चुके कार्तिक आर्यन बॉलीवुड में फिल्में करने के बाद भी रेड कॉर्पेट इवेंट में आटो से ही जाते थे।

कार्तिक आर्यन इस वक़्त बॉलीवुड पर हुकूमत कर रहे है। उनके हर प्रोजेक्ट को फैंस का खूब प्यार मिल रहा है। एक्टर की इस कामयाबी का अंदाज़ा हाल ही मे रिलीज़ हुई उनकी फिल्म भूल भुलैया 2 की सक्सेस को देखकर लगाया जा सकता है। आपको बता दे, लगातार ये खबरे भी सामने आई कि एक्टर ने अपनी फीस भी बढ़ा दी है। लेकिन क्या आप जानते है उन्हें ये कामयाबी और शौहरत इतनी आसानी से नहीं मिली! 
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उनकी इस सफलता के पीछे उनकी सालो की मेहनत है। अब एक से बढ़कर एक महेंगी गाड़ियों के मालिक बन चुके कार्तिक आर्यन बॉलीवुड में फिल्में करने के बाद भी रेड कॉर्पेट इवेंट में आटो से ही जाते थे। एक इंटरव्यू के दौरान कार्तिक आर्यन ने कहा जब वे बॉलीवुड में आए थे तब उनके पास खुद की कार भी नहीं थी। 
पहली फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ की सफलता के बावजूद वो रेड कार्पेट इवेंट में ऑटो से जाते थे। उन्होंने अपनी पहली कार के बारें खुलासा करते हुए कहा कि कई फिल्में करने के बाद उन्होंने करीब 65,000 रुपये में एक थर्ड हैंड कार खरीदी थी। 
उन्होंने बताया कि उस कार में कई प्रोब्लेम्स थी। बारिश होने पर उसमें पानी का रिसाव भी अंदर की तरफ होता था और उसका ड्राइवर सीट का दरवाजा भी गड़बड़ था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस कार की जरूरत थी क्योंकि उनके पास रेड कॉर्पेट इवेंट में जानें के लिए ऑटो से जाना पड़ता था या फिर किसी से लिफ्ट लेनी पड़ती थी। 
उन्होंने कहा कि यह सब मैं अपने संघर्ष के बारे में नहीं बता रहा हूं बल्कि यह सब इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह काफी माजिकया था। उन्होंने कहा कि मेरे पास ड्राइवर भी नहीं था, मैं इवेंट में जाने के लिए खुद गाड़ी ड्राइव करता था। कार का दरवाजा मुश्किल से खुलता था मैं नहीं जानता कि उसका सेटअप कैसा था। उन्होंने बताया कि उसे ठीक नहीं किया जा सका। 
एक समय था जब मुझे वैलेट की जरूरत पड़ती थी. उस समय मुझे पैसेंजर सीट पर जाकर वहां से उतरना था।  वैलेट फिर ड्राइवर की सीट लेने के लिए यात्री सीट के माध्यम से कार के अंदर पहुंचेगा और फिर कार पार्क करेगा। यह एक मजेदार घटना थी और ऐसे ही काफी लंबे समय तक चलता रहा। 
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