करवा चौथ पर वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी का संयोग, आज जरूर करें भगवान गणेश की कथा का पाठ, बरसेगी असीम कृपा
Karwa Chauth 2025: शुक्रवार यानी 10 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत है, जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए करती हैं। इस बार खास बात यह है कि इसी दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है, जो कि भगवान गणेश को समर्पित होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
Karwa Chauth 2025: गणेश जी: विघ्नों को हरने वाले देवता
गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है, यानी जो हर संकट को टाल देते हैं। किसी भी शुभ काम या पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करने की परंपरा है ताकि कार्य में कोई विघ्न न आए। करवा चौथ के दिन अगर गणेश जी की कथा सुनी या पढ़ी जाए, तो यह और भी शुभ माना जाता है।
Karwa Chauth Ganesh Ji Ki Kahani in Hindi: करवा चौथ पर गणेश जी की कथा
बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक गरीब और नेत्रहीन बुढ़िया अपने बेटे और बहू के साथ रहती थी। वह रोज भगवान गणेश की सच्ची श्रद्धा से पूजा करती थी। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन भगवान गणेश ने उसे दर्शन दिए और बोले, "माई, जो चाहे मांग ले।"बुढ़िया बोली, "भगवान, मुझे मांगना नहीं आता, मैं क्या मांगूं?" तब गणेश जी ने कहा कि वह अपने बेटे और बहू से सलाह लेकर निर्णय ले।
परिवार की अलग-अलग इच्छाएं
बुढ़िया ने बेटे और बहू से पूछा। बेटा बोला, "धन मांग लो", और बहू ने कहा, 'पोता मांग लो"।वहीं एक पड़ोसी भी ये बात सुन रहा था, उसने सलाह दी 'तेरी उम्र थोड़ी बची है, तू आंखें मांग ले ताकि बचे हुए जीवन में ठीक से देख सके।' बुढ़िया ने सबकी बातें सुनीं, लेकिन वह किसी एक बात से संतुष्ट नहीं हुई। उसने सोचा,"क्यों न ऐसा मांगूं जिससे पूरे परिवार का भला हो?"
अगले दिन जब वह फिर गणेश जी की पूजा कर रही थी, तो भगवान फिर से प्रकट हुए और बोले, "बोल माई, क्या चाहिए?"तब बुढ़िया ने कहा, "भगवान, अगर आप प्रसन्न हैं तो मुझे नौ करोड़ की संपत्ति, स्वस्थ शरीर, अमर सुहाग, आंखों की रोशनी, नाती-पोता, पूरे परिवार को सुख और अंत में मोक्ष दीजिए।"बुढ़िया की बात सुनकर गणेश जी मुस्कुराए और बोले, 'माई, तूने तो मुझे ठग लिया, लेकिन जो भी मांगा है, वो सब तुझे मिलेगा।" इसके बाद भगवान अंतर्ध्यान हो गए।
Chauth Ganesh Ji Katha: इस कथा से मिलने वाला संदेश
जो भी व्यक्ति करवा चौथ के दिन इस कथा को श्रद्धा से पढ़ता या सुनता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह कथा न सिर्फ भगवान गणेश की कृपा को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि जब हम केवल अपने लिए नहीं, पूरे परिवार के लिए सोचते हैं, तो भगवान स्वयं सहायता करने आ जाते हैं।
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