W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Karwa Chauth 2025 Moon: जानें किस समय निकलेगा करवा चौथ का चांद, इस शुभ मुहूर्त में और इस तरह से करें चंद्रदेव की पूजा

03:21 PM Sep 30, 2025 IST | Shweta Rajput
karwa chauth 2025 moon  जानें किस समय निकलेगा करवा चौथ का चांद  इस शुभ मुहूर्त में और इस तरह से करें चंद्रदेव की पूजा
Karwa Chauth 2025 Moon
Advertisement

Karwa Chauth 2025 Moon: भारत में हर पर्व-त्यौहारों का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक भी है। उनमें से एक ऐसा ही पर्व है करवा चौथ, जो विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और कल्याण की कामना के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म में करवा चौथ का काफी बड़ा महत्व है।

यह दिन सभी सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन की सबसे प्रतीक्षित घड़ी होती है- चंद्रमा उदय का समय, जब व्रत खोला जाता है। आइए जानें 2025 में करवा चौथ का चांद किस समय निकलेगा, कौन से मुहूर्त में करें पूजा और चंद्रदेव का कैसे करें पूजन।

Karwa Chauth 2025 Moon: जानें क्या है करवा चौथ पर चांद का महत्व

Karwa Chauth 2025 Moon
Karwa Chauth 2025 Moon

करवा चौथ के दिन सभी सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और चंद्र दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं भगवान गणेश, शिव-पार्वती और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। पौराणिक मान्यताओं की मानें को माता पार्वती को अखंड सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त है। यही कारण है कि इस दिन सभी महिलाएं भी अपने पति की लंबी आय़ु के लिए और उनकी सुख, समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना करने के लिए माता पार्वती और भगवान शिव के प्रार्थना करती हैं और सच्चे मन से व्रत रखती हैं।

इस दिन चांद कि महत्व इसलिए भी इतना ज्यादा है क्योंकि एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने चंद्रमा को कलंकित होने का श्राप दिया था और कहा कि जो भी चंद्रमा को सीधे नग्न आँखों से देखेगा, उसे अपमान और कष्ट झेलने पड़ेंगे। इसलिए करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा को सीधे देखने के बजाय छलनी के माध्यम से देखती हैं।

इतना ही नहीं इस दिन छलनी पर दीया रखने का भी काफी बड़ा महत्व है। इस दिन छलनी में रखा दीया कलंक को दूर करने का काम करता है और उसकी लौ को अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दीये की रोशनी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और व्रत करने वाली महिलाओं के लिए शुभ फल सुनिश्चित करती है।

Also Read:- Kanya Pujan Gift Ideas: कंजक में नन्हीं कन्याओं को दें ये खास उपहार, दिन बनाएं खास

Karwa Chauth 2025 Puja Muharat: इस शुभ मुहूर्त में करें करवा चौथ पर पूजा

Karwa Chauth 2025 Puja Muharat
Karwa Chauth 2025 Puja Muharat

पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर 2025 को रा​त में 10:54 बजे शुरू हो रही है। वहीं अगले दिन 10 अक्टूबर 2025 की शाम को 07:38 बजे यह तिथि समाप्त हो रही है। ऐसे में इस साल 2025 में करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। करवा चौथ के दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05:57 से लेकर 07:11 बजे तक रहेगा।

इस तरह सुहागिनों को करवा चौथ की पूजा के लिए कुल 1 घंटा 14 मिनट मिलेंगी। जिस चांद को देखने के बाद सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत खोलती हैं, वह 10 अक्टूबर 2025 की रात को 08:13 बजे निकलेगा। इनमें से पूजा मुहूर्त वह घड़ी है जब महिलाएं पूरे विधिपूर्वक करवा चौथ की पूजा करती हैं और सज-धज कर, कथा सुनकर और संकल्प-पूजा करके चांद दिखने पर व्रत का अंत करती हैं।

Also Read:- Day 8 of Navratri 2025: नवरात्रि के आठवें दिन ऐसे करें मां महागौरी की पूजा, उनके दिव्य स्वरूप से लेकर पसंदीदा रंग तक जानें सब कुछ

Karwa Chauth 2025 Rituals: इस विधि से करें करवा चौथ पर पूजा

Karwa Chauth 2025 Rituals
Karwa Chauth 2025 Rituals

1. व्रत की शुरुआत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, स्नान करने से करें और फिर सरगी (मायके से आई सामग्री) ग्रहण करने के साथ होती है।

2. पूजा के लिए एक साफ थाल तैयार करें। इसमें दीपक, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, हल्दी, फूल, रोली, गुड़, दूध, फल, दही, गुड़ आदि शामिल करें।

3. इसके बाद पूजा मुहूर्त में व्रत का संकल्प लें।

4. कलश (Karwa) में जल भरकर उसका पूजन करें।

5. भगवान शिव, माता पार्वती तथा चंद्र देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। दीप प्रज्ज्वलित करें, धूप-अग्नि आरती करें।

6. इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती तथा चंद्र देवता को फल, हल्दी, अक्षत और पुष्प एवं नैवेद्य (मिष्टान्न आदि) अर्पण करें।

7. शाम के समय पूजा करके करवा चौथ की कथा या उपवास की कथा सुनें।

8. जैसे ही आकाश में चांद दिखे, उसे जल अर्पित करें- चन्द्रोदय जल (गंगाजल + दूध या शुद्ध जल) चंद्र देव को ग्रहण कराएं।

9. इसके बाद चांद को देख कर (छलनी के माध्यम से) पति की ओर देखें और उनसे पहला पानी एवं भोजन ग्रहण करें।

10. अर्घ्य देने और पूजा के बाद पति के हाथों से पहला निवाला या पानी लेने के बाद व्रत समाप्त होता है। उसके बाद साधारण भोजन ग्रहण करें।

Also Read:- Karwa Chauth Date 2025: 9 या 10 अक्टूबर, कब है करवा चौथ? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

Advertisement
Author Image

Shweta Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×