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Katyayani Mata ki Aarti Lyrics: नवरात्रि के छठे दिन इस आरती से करें माँ कात्यायनी की पूजा, होगी हर मनोकामना पूरी

01:13 PM Sep 27, 2025 IST | Shweta Rajput
Katyayani Mata ki Aarti Lyrics

Katyayani Mata ki Aarti Lyrics: शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। प्रत्येक दिन का अपना अलग महत्व है और हर दिन देवी माँ का एक विशेष रूप पूजित होता है। नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें शक्ति का छठा स्वरूप माना गया है और यह स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है।

मान्यता है कि माँ कात्यायनी की पूजा करने से साधक के सभी दोष दूर होते हैं, जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और विवाह संबंधी सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं।  नवरात्रि का छठा दिन केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन अगर आप माता कात्यायनी की इस आरती को गाकर उनकी पूजा करेंगे तो माता आपसे काफी प्रसन्न होंगी।

Katyayani Mata ki Aarti Lyrics: माँ कात्यायनी की पूजा में गाएं ये आरती

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Katyayani Mata ki Aarti Lyrics

जय जय अम्बे जय कात्यायनी.
जय जगमाता जग की महारानी.

बैजनाथ स्थान तुम्हारा.
वहां वरदाती नाम पुकारा.

कई नाम हैं कई धाम हैं.
यह स्थान भी तो सुखधाम है.

हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी.
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी.

हर जगह उत्सव होते रहते.
हर मन्दिर में भगत हैं कहते.

कात्यायनी रक्षक काया की.
ग्रंथि काटे मोह माया की.

झूठे मोह से छुडाने वाली.
अपना नाम जपाने वाली.

बृहस्पतिवार को पूजा करिए.
ध्यान कात्यायनी का धरिये.

हर संकट को दूर करेगी.
भंडारे भरपूर करेगी.

जो भी मां को भक्त पुकारे.
कात्यायनी सब कष्ट निवारे.

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Katyayani Mata Mantra: आज माँ कात्यायनी के इन मंत्रों का जरूर करें जाप

Katyayani Mata Mantra

1. कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी. नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.

2. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः

3. ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥

4. या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

5. क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

6. चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

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Katyayani Mata Mantra Ka Mahatav: जानें मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करने के लाभ

Katyayani Mata Mantra Ka Mahatav

पूरे भक्ति भाव के साथ कात्यायनी मंत्र का जप करने से कुंडली पर मांगलिक दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता और विवाह के अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं। माँ कात्यायनी की साधना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन की नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं। माँ कात्यायनी की पूजा करके भक्त अपने जीवन में साहस, समृद्धि और प्रेम का संचार करते हैं।

इस दिन की साधना से जीवन की नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और व्यक्ति को आत्मबल प्राप्त होता है। माँ कात्यायनी को विवाह योग्य कन्याओं की देवी माना गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख है कि गोपियाँ भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए यमुना तट पर माँ कात्यायनी की पूजा करती थीं। तभी से यह मान्यता प्रचलित है कि माँ कात्यायनी की साधना से विवाह संबंधी सभी समस्याएँ समाप्त होती हैं।

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Katyayani Mata Vrat Katha: जानें मां कात्यायनी की व्रत कथा

Katyayani Mata Vrat Katha

नवरात्रि के छठे दिन पूजित माँ कात्यायनी को महाशक्ति का छठा रूप माना गया है। देवी भागवत और मार्कंडेय पुराण के अनुसार, महर्षि कात्यायन के घर माता का जन्म हुआ था, इसी कारण इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार महर्षि कात्यायन ने संतान प्राप्ति के लिए देवी भगवती की कठोर तपस्या की।

महर्षि की तपस्या से प्रसन्न होकर मां भगवती ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए और उन्हें वरदान दिया कि वह उनके घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी। एक बार जब महिषासुर नामक के एक दैत्य का अत्याचार बहुत बढ़ गया, जिससे सभी परेशान हो गए। तब त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के तेज से देवी उत्पन्न हुईं, जिसने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया, जिस कारण उनका नाम कात्यायनी पड़ा।

माता रानी के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने के बाद ऋषि कात्यायन ने सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि पर मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इसके बाद मां कात्यायनी ने दशमी तिथि पर महिषासुर का वध किया, इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना गया।

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