'आपका मुझसे राजनैतिक वैर है लेकिन आप भगवान बुद्ध का मजाक...', CM रेखा गुप्ता की पोस्ट पर केजरीवाल का करारा जवाब
Kejriwal on CM Rekha Gupta Post: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स में कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए वे दिल्ली में रहकर काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी की तरह नहीं हैं जो दिल्ली को समस्याओं में छोड़कर हर छह महीने में किसी साधना या विपश्यना कार्यक्रम में भाग जाएं।
रेखा गुप्ता ने लिखा, “मेरी दिल्ली, मेरी जिम्मेदारी। यही सोच हमें काम करने की प्रेरणा देती है। समस्या भी यहीं है, और समाधान भी यहीं निकल सकता है। हम दिल्ली के लिए दिल्ली में रहकर काम कर रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के उपाय किए जा रहे हैं।” यह बयान दिल्ली में सरकार के काम करने के तरीके और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को लेकर था।
Kejriwal on CM Rekha Gupta Post: अरविन्द केजरीवाल की प्रतिक्रिया
इस पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी और रेखा गुप्ता के बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि ऐसा कहना कि किसी का विपश्यना करने जाना दिल्ली छोड़ देना है, सही नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि रेखा गुप्ता का मुझसे राजनैतिक वैर है, और इसी कारण वे विपश्यना साधना को लेकर ऐसा मजाक बना रही हैं।
केजरीवाल ने यह भी समझाया कि विपश्यना साधना किसी से भागने के लिए नहीं होती। यह भगवान बुद्ध द्वारा सिखाई गई एक विधि है, जो व्यक्ति को आंतरिक शांति और संतुलन देती है। उन्होंने रेखा गुप्ता से विनम्रतापूर्वक कहा कि एक बार विपश्यना जरूर करें, क्योंकि इससे उन्हें भी बहुत अच्छा अनुभव होगा और असीम शांति प्राप्त होगी।
Arvind Kejriwal News: विपश्यना, भागना नहीं, अनुभव करना
केजरीवाल ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि विपश्यना किसी से भागने का नाम नहीं है। यह आत्मा की शांति पाने और मानसिक संतुलन स्थापित करने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, “बड़े भाग्य वालों को विपश्यना नसीब होती है। यह अनुभव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है और मन को शांत करता है।” वे चाहते हैं कि लोग इसे केवल धार्मिक या मनोरंजक गतिविधि के रूप में न देखें, बल्कि इसे जीवन सुधारने का एक उपाय मानें।
CM Rekha Gupta News: संवाद का उद्देश्य
इस पूरे संवाद में दो दृष्टिकोण सामने आते हैं। रेखा गुप्ता ने अपने दृष्टिकोण से यह जताया कि उन्हें दिल्ली की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। वहीं, केजरीवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की कि किसी साधना या मानसिक अनुशासन को हास्य या तंज का विषय नहीं बनाना चाहिए। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि राजनीतिक नेताओं के बीच अक्सर विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत और आध्यात्मिक गतिविधियों का सम्मान करना भी जरूरी है।
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