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केरल सरकार ने केंद्र के 5000 करोड़ के ऋण प्रस्ताव को किया अस्वीकार, राज्य ने छूट को बताया अपर्याप्त
09:13 AM Mar 14, 2024 IST | Sagar Kapoor
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह वित्तीय मुद्दों से जूझ रही केरल सरकार को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज देने को तैयार है। यह राहत 'बेहद खास और असाधारण उपाय' के तहत कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। हालांकि, केरल सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये की राशि को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि उसे कम से कम 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। राज्य सरकार का कहना है कि 5,000 करोड़ रुपये से केवल वेतन और पेंशन का भुगतान किया जा सकेगा, और विकास कार्यों के लिए धन की कमी होगी।
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Highlights
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- केरल सरकार ने केंद्र के 5000 करोड़ के ऋण प्रस्ताव को किया अस्वीकार
- केंद्र सरकार ने छूट देने का प्रस्ताव रखा
- स्वायत्त और पूर्ण अधिकार में हस्तक्षेप
केंद्र सरकार ने छूट देने का प्रस्ताव रखा
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह छूट देने का प्रस्ताव रखा। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से संसाधनों की कमी से निपटने के लिए केरल को 31 मार्च तक एकमुश्त राहत पैकेज देने पर विचार करने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने केरल को बाजार से उधारी जुटाने पर रोक लगा दी है। इस फैसले को केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है।
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स्वायत्त और पूर्ण अधिकार में हस्तक्षेप
केरल ने केंद्र द्वारा उधार लेने की सीमा निर्धारित करने को राज्य के वित्त को विनियमित करने के अपने विशेष, स्वायत्त और पूर्ण अधिकार में हस्तक्षेप बताया है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने कहा, 'न्यायालय के सुझाव पर गौर करते हुए केंद्र एक बहुत ही विशेष और असाधारण उपाय के रूप में केरल को वित्त वर्ष के अंत में पेंशन, वेतन और अन्य प्रतिबद्ध खर्चों के भुगतान की देनदारी को पूरा करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की उधारी को शर्तों के अधीन सहमति देने को तैयार है।'
केरल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने असहमति जताते हुए कहा, 'ऐसा कर पाना हमारे लिए कुछ हद तक मुश्किल है। 5,000 करोड़ रुपये से बात नहीं बन पाएगी। न्यूनतम 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत है।'
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