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केसरी क्लब ब्यूटीफुल काम इसका वंडरफुल

इस बार रविवार को 3 से 4 बजे तक चौखंडी ब्रांच की जिसमें श्याम लाल नरुला ब्रांच हैड हैं, जो हमेशा हंसने वाले 90 साल के संस्कारी युवा हैं। उनकी युवा पत्नी देवा रानी 88 साल की हैं।

12:27 AM Dec 16, 2020 IST | Kiran Chopra

इस बार रविवार को 3 से 4 बजे तक चौखंडी ब्रांच की जिसमें श्याम लाल नरुला ब्रांच हैड हैं, जो हमेशा हंसने वाले 90 साल के संस्कारी युवा हैं। उनकी युवा पत्नी देवा रानी 88 साल की हैं।

इस बार रविवार को 3 से 4 बजे तक चौखंडी ब्रांच की जिसमें श्याम लाल नरुला ब्रांच हैड हैं, जो हमेशा हंसने वाले 90 साल के संस्कारी युवा हैं। उनकी युवा पत्नी देवा रानी 88 साल की हैं। दोनों का बहुत ही प्यारा कपल है। हर समय सेवा आशीर्वादों से भरे रहते हैं। मुंह पर हमेशा स्माइल रहती है। दोनों इन सबका श्रेय अपने बच्चों को देते हैं, जो बहुत आज्ञाकारी और संस्कारी हैं। जब आनलाइन डांस कम्पीटिशन था तो दोनों ने क्या परफोर्मेंश दी थी, देखने योग्य थी। छूपे रुस्तम थे दोनों।  अब भी हमें लग रहा था इनकी ब्रांच मुश्किल से कर पाएगी। क्योंकि बहुत ही सीनियर लोग मौजूद हैं, जिन्हें वीडियो बनानी मुश्किल लगेगी। सुरेश वालिया ने तो कमाल ही कर दिया जब उन्होंने क्लब के बाद अपने दिल से इतनी अच्छी पंक्तियां बोलीं कि केसरी क्लब ब्यूटीफुल है, इसका काम वंडरफुल है, हाऊस इसका फुल है।  यह कितना पावरफुल है। मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब सदस्यों द्वारा क्लब के बारे उनकी दिल से फील कर, महसूस कर क्लब के बारे में बोलें, क्योंकि मैं हमेशा कहती हूं मेरी तारीफ  में न बोलें न गाएं।
क्योंकि यह टीम वर्क है। मुझे बहुत से लोग अक्सर यह कहते हैं कि किरण बहुत सी संस्थाएं देखीं काम करते हुए परन्तु जितना तुम्हारे सदस्य तुम्हें दिल से प्यार करते हैं उतना हमने कहीं नहीं देखा। इतने सारे सदस्य अपनी-अपनी ब्रांच हैड से दिल से जुड़े हैं, वो भी कहीं नहीं देखा और जितना सब मिलकर ब्रांच हैड और वालियंटर काम करते हैं, वो भी कहीं नहीं देखा तो सच में मैं बहुत गर्व महसूस करती हूं।
चौखंडी के सतिन्द्र भाटिया ने बहुत अच्छी कविता बोली कि इंसान कितना भागता है सुख पाने को, परन्तु वह सुख नहीं पाता। कैसे सुख मिले उसको इंसान नहीं समझता। सुरेन्द्र पुष्करना जी ने महबूबा बहुत ही अच्छा गीत गाया। दुर्गा दास आजाद ने लाफटर थैरेपी सुनाई। कोरोना के काल में बहुत अच्छा मैसेज दिया कि दिल की नजर से देखो दुनिया हसीन है। 
नजर बदल जाने यानी सोचने के अंदाज को बदल दो वाह क्या विचार हैं दुर्गा दास जी। तेजवीर सिंह त्यागी जी ने योग लोम-विलोम सिखाया। कन्हैया लाल और श्रीमती कैलाशवती जी ने बड़ा अच्छा गाना गाया एक झलक जो पाता है…। गुगनानी परिवार ने तो कमाल ही कर दिया सारा परिवार भजन गा रहा था। मैय्या जी मैनू चरणों में रख लो। अंतिम में देवी रानी जी ने आरती गाई। कुल मिलाकर चौखंडी ब्रांच का अपनी तरह का अलग ही प्रोग्राम था। अपनी धून में मस्त न सुर न ताल न आपस में तालमेल परन्तु फिर भी अनमोल प्रोग्राम था।चौखंडी के एक बहुत प्यारे कपल महेश चन्द्र जी और वीना रानी जी  ने तो कमाल ही कर दिया। बहुत ही अच्छे दोनों ने कोरोना के समय इतने  दिन इकट्ठे रहने पर गाया कि हुन ता पैके जा नहीं बेगम और जिस स्टाइल से वीना ने जवाब दिया पुराना टप्पे वाला समय याद आ गया।
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