माथें पर त्रिपुंड लगाकर खान सर ने किया बड़ा ऐलान, गरीबों के लिए बनाएंगे डायलिसिस सेंटर
Khan Sir: बिहार के मशहूर शिक्षक खान सर अब विद्यार्थियों के बाद गरीबों लोगों के मसीहा बनने जा रहे हैं। खान सर अब बिहार के हर ज़िले में ज़रूरतमंद लोगों के लिए डायलिसिस सेंटर और ब्लड बैंक स्थापित करने जा रहे हैं। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा सावन के आखिरी सोमवार पर की। साथ ही उनका एक अलग रूप भी देखने को मिला। खान सर ने अपने माथे पर भगवान भोलेनाथ का त्रिपुंड लगा रखा था।
Khan Sir: हर जिले में खुलेगा डायलिसिस सेंटर
खान सर ने कहा, "सावन का आखिरी सोमवार एक शुभ दिन माना जाता है, इसलिए हमने आज जर्मनी से डायलिसिस मशीनें मंगवाईं। हमारा लक्ष्य गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को मुफ़्त या कम कीमत पर डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराना है। साथ ही, ब्लड बैंक भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि रक्त की कमी के कारण किसी की जान न जाए।" उन्होंने बताया कि डायलिसिस का खर्च गरीब परिवारों के लिए असहनीय है, जो हर महीने 50-60 हज़ार रुपये तक हो सकता है। किडनी फेल होने की स्थिति में मरीज़ को हर बार पांच घंटे की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जिसमें शरीर से रक्त निकालकर उसे फ़िल्टर किया जाता है। गरीब मरीज़ इस खर्च को वहन नहीं कर पाते, जिसके कारण कई बार उनके परिवार के सदस्य मर जाते हैं या उनकी संपत्ति बिक जाती है।
Khan Sir: जापान से आ रही ब्लड बैंक मशीनें
खान सर ने बताया कि ब्लड बैंक स्थापित करने का उद्देश्य रक्त की कमी को दूर करना है। खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को बनारस, दिल्ली या पटना जैसे शहरों में इलाज के दौरान रक्त की कमी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, "हमने रक्त की कमी से कई मरीजों को मरते देखा है, इसलिए हम एक विश्वस्तरीय ब्लड बैंक स्थापित करने जा रहे हैं, जो पूरे एशिया में एक मिसाल बनेगा। ब्लड बैंक की मशीनें जापान से मंगवाई जा रही हैं और इसका उद्घाटन नवरात्रि के पहले दिन होगा।
Khan Sir: 'पूरे परिवार को बचाना है'
भारतीय संस्कृति के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी का एक हिस्सा है। खान सर ने बताया कि शुरुआत में 10 डायलिसिस मशीनें मिली हैं, और भविष्य में लगभग 200 मशीनों का इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने कहा, "भारत में किसी व्यक्ति की जान बचाना सिर्फ़ एक व्यक्ति की जान बचाना नहीं, बल्कि पूरे परिवार की जान बचाना है।" कई बार कमाने वाले की मौत पूरे परिवार को तोड़ देती है।"
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