महाराष्ट्र चुनाव पर खड़गे के आरोप बेबुनियाद: संजय निरुपम
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने बुधवार को इन आरोपों को उनका मानसिक दिवालियापन बताया…
मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए ईवीएम की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। संजय निरुपम ने इसे खारिज करते हुए कांग्रेस की हार का कारण उनकी कमजोर नीतियों को बताया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के गुजरात अधिवेशन में भाजपा सरकार पर धांधली से महाराष्ट्र चुनाव जीतने का आरोप लगाया। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने बुधवार को इन आरोपों को उनका मानसिक दिवालियापन बताया। गुजरात में कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन में बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने धांधली से महाराष्ट्र चुनाव जीतने का आरोप लगाया और कहा कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया बैलेट पेपर की तरफ लौट रही है, वहीं दूसरी तरफ हम आज भी अपनी चुनावी प्रक्रियाओं के लिए ईवीएम पर आश्रित हैं जबकि ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर हमेशा से सवाल उठते आ रहे हैं। अफसोस कि मौजूदा सरकार इस दिशा में किसी भी प्रकार का कदम उठाती हुई नजर नहीं आ रही है।
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस अध्यक्ष के महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोपों को उनका मानसिक दिवालियापन बताया। उन्होंने कहा, कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, जिसका कारण उनकी कमजोर नीतियां और मतदाताओं को प्रभावित करने में असफलता है। हर चुनाव में हार के लिए नए बहाने ढूंढे जाते हैं, जैसे ईवीएम में गड़बड़ी या वोटर लिस्ट में हेराफेरी, जबकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी है। सभी दल वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाते हैं, इसमें धांधली नहीं होती। कांग्रेस को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए, क्योंकि असल गड़बड़ी वहीं है।
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर खुशी जाहिर करते हुए निरुपम ने कहा, 26/11 मुंबई हमला देश के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है, जिसमें ताज होटल समेत कई जगहों पर हमले हुए और कई निर्दोष नागरिक और पुलिसकर्मी शहीद हुए। तहव्वुर राणा जैसे मुख्य साजिशकर्ता को अब भारत लाया जा रहा है, जो न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, अब वक्त है कि जांच पूरी कर सभी दोषियों को सजा दी जाए। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और हर गुनहगार को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह कहीं का भी हो।