Khargone Violence: MP प्रशासन की आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, बुलडोजर से जमींदोज किए घर
खरगोन प्रशासन ने आज पथराव करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की है, प्रशासन ने अवैध रूप से बने आरपियों के घरों पर बुलडोजर चला कर उन्हें ढहा दिया है।
05:08 PM Apr 11, 2022 IST | Desk Team
रविवार को रामनवमी के जुलूस में पथराव करने वाले बदमाशों के खिलाफ मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक्शन में आ गई है, दरअसल खरगोन प्रशासन ने 11 अप्रैल यानी आज पथराव करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने अवैध रूप से बने आरपियों के घरों पर बुलडोजर चला कर उन्हें ढहा दिया है। इस काम के लिए 5 जेसीबी मशीनें लगाई गई, बताते दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही संकेत दिया था कि राज्य सरकार पथराव, दंगा और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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CM शिवराज ने दिए थे बुलडोजर चलाने के निर्देश
इस मामले से जुड़े सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए जहां भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच जेसीबी मशीनों को काम करते देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने एक बयान में कहा था कि ‘खरगोन में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। हम किसी भी दंगाइयों को नहीं बख्शेंगे। सभी को दंडित किया जाएगा। हम पारित कानून के अनुसार, दंगाइयों से सार्वजनिक और निजी दोनों संपत्तियों को हुए नुकसान की लागत की वसूली करेंगे। हमने दंगाइयों की पहचान कर ली है और उन्हें उसी के अनुसार दंडित किया जाएगा।
नरोत्तम मिश्रा ने आरोपियों को दी थी चेतावनी
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार इसके लिए क्लेम ट्रिब्यूनल बना रही है। कैबिनेट मंत्री और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले में कहा था कि ‘इस समय खरगोन में शांति है। पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहूंगा। हम दंगाइयों की पहचान कर रहे हैं। अब तक 77 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिन घरों से पथराव किया गया, उन्हें तोड़ा जाएगा। किसी को भी राज्य में शांति और सदभाव भंग करने का अधिकार नहीं है।
जानें क्या है खरगोन हिंसा का पूरा मामला?
10 अप्रैल को, खरगोन के तालाब चौक इलाके में शुरू हुई रामनवमी जुलूस को पत्थरों की एक वॉली के नीचे आने के बाद बीच में ही छोड़ना पड़ा। कई वाहनों में आग लगा दी गई। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। हिंसा के तांडव के दौरान छह पुलिस कर्मियों समेत कुल 24 लोग घायल हो गए। यहां तक कि पुलिस अधीक्षक (खरगोन) को भी गोली लगी थी। अस्थिर कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
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