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खरगोन हिंसा : प्रशासन ने PMAY के तहत आने वाले आवास को किया था ध्वस्त, अब की नए घर की पेशकश

खरगोन जिले में हुई हिंसा के बाद पीएमएवाई के तहत बने एक बुजुर्ग महिला के घर को बुलडोजर से तोड़ने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जिला प्रशासन ने अब परिवार को नया घर देने की पेशकश की है।

11:27 AM Apr 19, 2022 IST | Desk Team

खरगोन जिले में हुई हिंसा के बाद पीएमएवाई के तहत बने एक बुजुर्ग महिला के घर को बुलडोजर से तोड़ने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जिला प्रशासन ने अब परिवार को नया घर देने की पेशकश की है।

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हुई हिंसा के बाद पीएमएवाई के तहत बने एक बुजुर्ग महिला के घर को बुलडोजर से तोड़ने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जिला प्रशासन ने अब परिवार को नया घर देने की पेशकश की है। मीडिया ने 16 अप्रैल को रिपोर्ट किया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारी परिवार से मिलने गए थे, और एक आवासीय भवन में स्थानांतरित करने की पेशकश की थी। फिलहाल परिवार पास में ही एक मस्जिद में रह रहा है। अधिकारियों ने उन्हें राशन उपलब्ध कराने के बाद परिवार के सदस्यों के अंगूठे का निशान भी लिया और उन्हें सूचित किया कि उन्हें मल्टीप्लेक्स में ले जाया जाएगा।
राज्य सरकार के निर्देश पर नए घर में शिफ्ट किया जाएगा : अधिकारी
बुजुर्ग महिला के बेटे अमजद खान ने मीडिया को बताया कि अधिकारियों ने एक मल्टीप्लेक्स में एक फ्लैट की पेशकश की, लेकिन वह इमारत उस इलाके में स्थित है जहां 10 अप्रैल को सांप्रदायिक दंगा हुआ था, इसलिए हमने मना कर दिया। बाद में उन्होंने मुझे बताया कि एक और घर प्रस्तावित किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि, चूंकि परिवार गरीब था इसलिए उन्हें राज्य सरकार के निर्देश पर नए घर में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि, प्रशासन को अभी उस भवन को अंतिम रूप देना है जिसमें परिवार को स्थानांतरित किया जाएगा। प्रशासन ने बताया कि, आवासीय उद्देश्यों के लिए पीएमएवाई के तहत घर को मंजूरी दी गई थी, लेकिन परिवार ने इसे अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया और इसलिए इमारत को ध्वस्त कर दिया गया।
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तहसीलदार ने हटाने के जारी किए थे आदेश
जिले के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सरकारी जमीन पर मकान बनाया है जबकि पीएमएवाई के तहत उन्हें अलग जगह पर मंजूरी मिली है। इस मामले में तहसील अदालत में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला चल रहा था। तहसीलदार ने इसे हटाने के आदेश जारी किए थे जिसके बाद इसे ध्वस्त कर दिया गया। उन लोगों के अवैध घरों और दुकानों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान 11 अप्रैल को अधिकारियों द्वारा घर को ध्वस्त कर दिया गया था, जो कथित तौर पर दंगों में शामिल थे, जिसके कारण खरगोन में पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया गया था।

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