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किम जोंग : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मंगलवार को अपने देश के परमाणु शस्त्रागार को तेजी से बढ़ाने के लिए नई नीति लागू करने की घोषणा की। यह ऐलान सोमवार को उत्तर कोरिया की स्थापना की वर्षगांठ के मौके पर उनके द्वारा दिए गए भाषण में किया गया। किम ने अपने भाषण में देश की परमाणु क्षमताओं और तत्परता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एक मजबूत परमाणु बल राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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Highlight :
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- उत्तर कोरिया ने परमाणु शस्त्रागार को तेजी से बढ़ाने की नीति की घोषणा की
- दक्षिण कोरिया ने यूएनसी के सदस्यों के साथ रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक की योजना बनाई
- त्रिपक्षीय सैन्य सहयोग और अभ्यास, यूएनसी और जर्मनी की भूमिका
उत्तर कोरिया के परमाणु शस्त्रागार को तेजी से बढ़ाने की योजना
उन्होंने मौजूदा सुरक्षा माहौल को गंभीर खतरा बताते हुए इसका दोष अमेरिका और उसके सहयोगियों पर मढ़ा। किम का कहना था कि अमेरिका के नेतृत्व में क्षेत्र में बढ़ते परमाणु सैन्य गुट ने उत्तर कोरिया को अपनी परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। इसके जवाब में, दक्षिण कोरिया के रक्षा उप-नीति मंत्री चो चांग-राय ने अपने अमेरिकी और जापानी समकक्षों के साथ मिलकर उत्तर कोरिया के परमाणु वितरण प्रणालियों और मिसाइल परीक्षणों की निंदा की।
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त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता
सियोल में आयोजित बैठक में, तीनों अधिकारियों ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने और उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल खतरों का मुकाबला करने के लिए त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही, उन्होंने फ्रीडम एज नामक दूसरे त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास की योजना की भी घोषणा की। दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र कमांड (यूएनसी) के सदस्यों के साथ एक रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक भी आयोजित करने की योजना बनाई है।
उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय सहयोग की भूमिका पर नजर
यूएनसी, जो दक्षिण कोरिया में अमेरिकी कमांडर के नेतृत्व में उत्तर कोरिया के साथ भारी सुरक्षा वाली सीमा की निगरानी करता है, क्षेत्रीय सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछले महीने, जर्मनी ने दक्षिण कोरिया में यूएनसी में शामिल होने वाला नया देश बनकर अपनी भागीदारी बढ़ाई है। जर्मनी की भागीदारी को लेकर उत्तर कोरिया ने आलोचना की है, उसे एक अवैध युद्ध संगठन करार दिया है और जर्मनी की भागीदारी को क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने वाला बताया है।

किम जोंग उन के इस ऐलान और दक्षिण कोरिया तथा उसके सहयोगियों की प्रतिक्रियाओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। इस स्थिति में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय सहयोग की भूमिका पर नजर रखना महत्वपूर्ण हो गया है।

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